IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

शिमला पुस्तक मेले में हरनोट की दो कहानी पुस्तकों का लोकार्पण

एप्पल न्यूज़, शिमला

शिमला रोटरी टाउन हॉल में वाणी प्रकाशन दिल्ली, कैम्ब्रिज स्कॉलर्स पब्लिशिंग लंदन, ओकार्ड इंडिया और हिमाचल अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में जाने माने लेखक एस.आर.हरनोट की दो कहानी पुस्तकों – वाणी से प्रकाशित ‘कीलें‘ और कैम्ब्रिज स्कालर्स पब्लिशिंग लंदन से अंग्रेजी अनुंवाद की पुस्तक ‘केटस टॉक‘ का लोकार्पण प्रख्यात आलोचक प्रो0.गौतम सान्याल के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।

\"\"

लोकार्पण के अवसर पर विभिन्न विद्वजनों ने गहन विचार-विमर्श करते हुए, हरनोट की समकालीन समय-समाज के सन्दर्भ में उनकी मुक्कमल समझ और दायित्वशीलता की सराहना करते हुए उनके सृजन के विभिन्न दायरों और दिशाओं की चर्चा की। प्रारम्भिक वक्ताओं में प्रो0 मीनाक्षी एफ. पॉल, डा0 खेमराज शर्मा, डा0 विद्यानिधि और डा0 देविना अक्षवर रहे।

कहानियों पर बात करते हुए डॉ0 गौतम सान्याल ने कहा कि सात कहानियों का यह संग्रह कीलें वर्तमान पहाड़ जीवन की भूमंडलीकृत हौलनाकी का अभिनव भाष्य परोसता है और ये कीलें किन्हीं कथा स्थितियों या प्रोटेगॉनिस्टों में बलपूर्वक ठोक नहीं दी गई है बल्कि इनका पैनापन पहाड ़चेतना की अथाह वेदना से उपजा है। उन्होंने कहा कि हरनोट समकालीन जीवन के पॉपुलर नैरेटिव्स के समांतराल अपने नैरेटिव्स गढ़ने में माहिर हैं। प्रो0 सान्याल ने इसी संकलन की एक बहु चर्चित कहानी ‘भागा देवी का चाय घर‘ पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इको-फेमिनिज्म के आलोक में भारतीय व उसके स्त्रीमयता ;प्दकपंद थ्मउपदपदपजलद्ध व उसके पर्वत-पार्वती स्वरूप को आंकते हुए कदाचित यह हिन्दी की पहली कहानी है और ये ‘कीलें‘ ; संकल्न की कहानियांद्ध पाठक-मन में देर तक और दूर तक गहरे चुभते हुए, सिर्फ सीत्कारें ;ेपइपसंदबमेद्ध ही पैदा नहीं करती बल्कि ये पाठक-मन में गहरे घुलकर समय-समाज-राष्ट्र के बारे में व्याकुल चिंताएं भी उगाहती है।
अंग्रेजी की पुस्तक का संपादन और छः कहानियों के अनुवाद डॉ0 खेमराज शर्मा और प्रो0 मीनाक्षी एफ. पॉल ने किए हैं, जबकि अन्य कहानियों के अनुवाद प्रसिद्ध अनुवादकों डा0 आर.के.शुक्ल, डा0.मंजरी तिवारी, प्रो0 इरा राजा और डा0. रवि नंदन सिन्हां ने किए हैं।
प्रो0 मीनाक्षी पॉल ने अंग्रेजी संग्रह केट्स टॉक की अनुवाद प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अनुवाद प्रक्रिया के मूल्यवत्ता पर भी विस्तार से बात की। डॉ0 खेमराज शर्मा ने इन कहानियों की कथावस्तु में जाति, शोषण, पर्यावरण और बदलते युग में रिश्तों के विघटन को रेखांखित किया।
वरिष्ठ आलोचक डॉ0 विद्यानिधि ने संग्रह पर चर्चा करते हुए कहा कि हरनोट ऐसे कथाकार हैं जिनका सृजन आज देश में ही नहीं, विश्व में भी पढ़ा, समझा और सराहा जाता है। उन्होंने कहा कि इन कहानियों की विशेषता यह है कि ये आम ग्रामीणजन की दुर्लबताओं पर आंसू नहीं बहाती, उनके अंधविश्वासों को जायज नहीं ठहराती बल्कि इस ग्रामीणजन को एक ऐसे साहसी, सशक्त, विचारवान और आशावान रूप में प्रतिष्ठित करती हैं जो सिर्फ गांव, शहर और देश की राजनीति को ही नहीं समझता, इस राजनीति को निर्धारित करनेवाले उत्तर-आधुनिक ग्लोबल युग के हालात और दवाबों को भी समझता है।
डा0. देविना अक्ष्यवर ने कीलें संग्रह पर बोलते हुए कहा कि कहानियों में केवल पहाड़ी संस्कृति की ही झलक नहीं मिलती बल्कि समकालीन सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों का भी बारीक चित्रण मिलता है।
मंच संचालन और कहानियों पर कुछ गंम्भीर टिप्पणियां कवि आत्मारंजन ने कीं। हरनोट ने कीलें कहानी संग्रह की चर्चित कहानी ‘भागा देवी का चायघर‘ कहानी के कुछ अंशों का पाठ भी किया।

Share from A4appleNews:

Next Post

कला और आस्था का द्योतक है केरल का थैय्यम नृत्यानुष्ठान

Fri Jun 28 , 2019
\”गॉड्स ऑन कंट्री\” ध्येय वाक्य से प्रसिद्ध केरल दक्षिणात्य  राज्यों में सांस्कृतिक विविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता के मामले में अत्यधिक समृद्ध राज्य है। यहां के लोग विरासत में मिली परंपरागत  लोक तथा शास्त्रीय शैलियों को भविष्य के लिए संजोकर रखने में विश्वास रखते हैं। भौगोलिक आधार पर केरल एक छोटा […]

You May Like

Breaking News