वीरभद्र सिंह के योगदान को नहीं किया जा सकता दरकिनार
एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश में रिवाज़ नहीं राज बदल गया हैं। कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी कर ली है। जबकि बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई हैं।
हालांकि अभी मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस पार्टी में संघर्ष हो सकता हैं। कांग्रेस को अपने विधायकों के खरीद फरोख्त की राजनीति का डर भी सत्ता रहा है।
इससे बचने के लिए कांग्रेस शिमला के बजाए जीते हुए विधायकों की बैठक चंडीगढ़ में करने जा रही है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व भूपेंदर हुड़्डा भी शामिल होंगे।
जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से कांग्रेस विजयी हुई हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व व प्रचारकों का सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के लिए आज भी लोगों ने समर्थन दिया है।
भाजपा सरकार की नाकामी से लोगों मे निराशा थी। पांच सालो में कोई जनता को लाभान्वित करने वाले काम नहीं हुए. कोविडकाल में भी घोटाले व निराशा ही हाथ लगी. बीजेपी से किसान,बागवान व कर्मचारियों सहित हर वर्ग निराश था।
महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त जनता के सामने उम्मीद के रूप में कॉंग्रेस नजर आई। इस बात का एहसास रखते हुए कांग्रेस आने वाले समय जनता से चुनाव के समय किए गए वायदें पूरे करेंगी।
उन्होंने कहा कि विधायक ही मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे लेकिन वीरभद्र परिवार के योगदान को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता।
वंही कांग्रेस के चुने हुए विधायकों की बैठक चंडीगढ़ में होने जा रही है जिसमें सीएम चेहरे को लेकर मंथन किया जाएगा. इसमें चुनाव पर्यवेक्षक शामिल होंगे।
जिसके बाद बैठक की रिपोर्ट हाई कमान को भेजी जाएगी. जिसके बाद मुख्यमंत्री के चेहरे पर निर्णय किया जाएगा। यह बैठक कल होगी।
बैठक को चंडीगढ़ में करवाने के पीछे प्रतिभा ने तर्क दिया कि यह सभी दूरदराज के विधायकों को पहुंचने के लिए सेंटर पॉइंट हैं।