पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ बताए कोर्ट में किसने किए गलत आंकड़े प्रस्तुत, वर्ना अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए रहे तैयार, हाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक पेंशनरों को दे दिए जाएंगे सभी वित्तीय लाभ- रघुवीर सिंह बाली
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के अध्यक्ष, रघुबीर सिंह बाली ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता, प्रगति और एचपीटीडीसी की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
विपक्ष के आरोपों और दावों के बीच उन्होंने कहा कि सरकार निगम की संपत्तियों और हितों की पूरी तरह रक्षा करेगी।
आज एक पत्रकार वार्ता में बाली ने प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में निगम की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं और दावों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार एचपीटीडीसी के कर्मचारियों की सभी चिंताओं और मुद्दों का समाधान करेगी।
अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि एचपीटीडीसी की संपत्तियों को पट्टे पर देने या बेचने की अफवाहें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और यह विपक्ष द्वारा फैलाया गया झूठ है।
उन्होंने कहा कि एचपीटीडीसी की संपत्तियां राज्य की समृद्ध विरासत और गौरव का प्रतीक हैं। राज्य सरकार निगम की किसी भी संपत्ति को न तो बेचेगी और न ही पट्टे पर देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि निगम इन संपत्तियों को प्रभावी ढंग से चलाने और उनकी धरोहर बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वे केवल सुर्खियों में बने रहने और राज्य सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में निगम ने वित्तीय और परिचालन स्तर पर मजबूती हासिल की है।
इसके अलावा, 2022-23 में 105 करोड़ रुपये और 2023-24 में 109 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार (टर्नओवर) हासिल किया गया, जबकि कर्मचारियों के लिए नई वेतनमान प्रणाली लागू करने के वित्तीय बोझ का भी सामना करना पड़ा।
बाली ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के डबल बेंच के हालिया फैसले का स्वागत किया और कहा कि अदालत का यह निर्देश, कि सभी एचपीटीडीसी होटल बिना शर्त चालू रहेंगे, निगम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने इसे एचपीटीडीसी के हितों की रक्षा और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
रघुबीर बाली ने अपने ऊपर लगाए गए व्यक्तिगत आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि उनके ऊपर निगम की कोई वित्तीय देनदारी नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि कर्मचारी कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार ने पिछले दो वर्षों में एचपीटीडीसी कर्मचारियों को 35 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं, जो कि पिछली सरकार द्वारा पांच वर्षों में दिए गए 29 करोड़ रुपये से अधिक है।
उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार एचपीटीडीसी के विकास और इसकी संपत्तियों के संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार निगम की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने और हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में इसके योगदान को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में निगम ने लगातार सुधार देखा है, जिसमें राजस्व वृद्धि और परिचालन दक्षता पर नया ध्यान दिया गया है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार का हर निर्णय निगम की धरोहर को संरक्षित करने और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम होगा, जो हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग के भविष्य को मजबूत करेगा।
पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद के आदेशों पर हाई कोर्ट की डबल बैंच ने रोक लगा दी है। विपक्ष और पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पर होटलों को निजी हाथों में देने के आरोप लगा दिए थे जिस पर आज शिमला में पर्यटन विकास निगम ने अध्यक्ष आरएस बाली ने पलटवार किया है और कहा कि होटलों को निजी हाथों में देने की उनकी कोई मंशा नहीं है।
पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने भी आंकड़ों को ग़लत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए हैं जिन्हें वे तथ्यों सहित एफिडेविट में दें अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आर एस बाली ने भाजपा विधायक सुधीर शर्मा और पूर्व मंत्री राकेश पठानिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने ग़लत तथ्य पेश कर पर्यटन निगम को निजी हाथों में देने के आरोप लगाए हैं।
राकेश पठानियां के समय पर्यटन विकास निगम घाटे में गया जबकि उनसे पहले मुनाफे में चल रहा था। आर एस बाली ने कहा कि पर्यटन विकास निगम के मुनाफे को बढ़ाने के लिए वह प्रयास कर रहे हैं।
निगम के होटलों को रेनोवेट करने की आवश्यकता है जिसके बाद मुनाफा कई गुणा बढ़ सकता है। बीते वर्ष और इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ से अधिक टर्न ओवर पर्यटन विकास निगम को हुआ है।
पर्यटन विकास निगम हाई कोर्ट के आदेशों का स्वागत करता है और जो देनदारियां पेंशनरों की बनती है उन्हें कोर्ट के आदेशों के मुताबिक दे दिया जाएगा।