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बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव से मांग- कहीं और बनाएं हवाई अड्डा

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एप्पल न्यूज़, मंडी

6 मार्च को बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल , जोगिन्दर वालिया की अध्यक्षता में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिब श्री प्रदीप सिंह व हिमाचल के पर्यटन, सचिब श्री दिवेश कुमार इसके इलाबा भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के उच्च स्तरीय अधिकारियो से कांगनी हेली पैड पर जा कर मिला और अपना मांग पत्र दिया और विस्तार से बताया गया कि हम बल्ह क्षेत्र, जिला-मंडी, हिमाचल प्रदेश के किसान सरकार के समक्ष हवाई अड्डा बनाने से उत्पन समस्याओं को आपके समक्ष रखना चाहते हे ताकि बल्ह के किसानो को उपजाऊ जमीन से उजड़ने ब बरबाद होने से बचाया जा सके। बल्ह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कृषि क्षेत्र रहा है जिसे मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है। स्वतंत्रता से पहले यहाँ जो भूमि थी बह सामंतों,साहूकारों के पास थी। स्वतंत्रता के बाद किसानों के लंबे सन्घर्ष के उपरांत भूमि सुधारों के चलते जमीन पर किसानों का मालिकाना हक मिला किसानों ने आधुनिक खेती की शुरुआत की और लगातार यहाँ का किसान वेज्ञानिक खेती को अपनाते हुए आगे बढ़ता गया और अब नकदी फसलें उगाई जा रही हैं,जिसमें मुख्य सब्जी उत्पादन है। टमाटर उत्पादन में सोलन जिला के बाद हिमाचल में दूसरा नंबर बल्ह (मंडी) का है।

सचिब नन्द लाल वर्मा ने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डा में लगभग 2000 परिवार हैं जिनकी आबादी 12000 से अधिक है नकदी फसलें उगाकर अपना परिवार पाल रहा है वो पूरी तरह से रोजगार विहीन हो जायेगें । यहाँ जमीन के नीचे 10–12 फुट पर पानी उपलब्ध है और अति आधुनिक सिंचाई सुविधा/पिने का पानी प्रावधान उपलब्ध है जिसके चलते किसान तीन से चार फसल ले पाते हैं पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगी I प्रस्तावित हवाई अड्डे के दायरे में डोयडा जंगल (डीपीफ) जो लगभग 25 एकड़ की भूमि है और पूरी तरह ख़तम हो जाएगा । प्रस्तावित हवाई अड्डा, 2150 मीटर, केवल 72 सीटर छोटा हवाई जहाज के लिए ही प्रस्ताबित है और यदि 3150 मीटर हवाई पट्टी बनानी है तो ओ एल एस सर्वे के अनुसार सुंदर नगर की पहाड़िया (बंदली धार) 500 मीटर काटनी पड़ेगी जो की कभी भी संभव नहीं है अतः इसे दूसरी गेर उपजाऊ जमीन पा बनाया जाये I
प्रस्तावित हवाई अड्डा 8 गांव (सियांह, टाबा , जरलू , कुम्मी , छात्तरू , ढाबण, भौर , दुगराइन में बन रहा है । इनमे से 6 गांव में दलित/पिछडी व मुस्लिम आबादी 75 % से अधिक है । अधिकतर किसान प्रस्तावित हवाई अड्डे की वजह से भूमिहीन हो जाएंगे और पूरी तरह विस्थपित हो जायेंगे । इतनी घनी आबादी जो की नकदी फसलें जिसमे टमाटर, गोभी, मूली, पालक व अन्य फसलें ऊगा कर अपनी आजीविका कमा रहे है, उन्हें यहाँ से विस्थापित कर कहाँ पुनरास्थापित होंगे , उसकी सरकार के पास कोई भी वैकल्पिक योजना नहीं है
प्रसतावित एअरपोर्ट क्षेत्र में जमीन के सरकल रेट इतने कम है कि जमीन कोड़ियो के भाव जाएगी जबकि जबकि किसान 3-4 लाख प्रति बीघा नकदी फसलों से प्रति वर्ष कमा रहा है I प्रतिनिधिमंडल आपसे आग्रह करता कि प्रस्ताविक हवाई अड्डे को किसी दूसरी जगह बनाया जाये और इस क्षेत्र की रक्षा की जाए।
अधिकारियो ने प्रतिनिधिमंडल को आस्वस्त करते हुये कहा कि हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखंगे और सरकार को उपरोक्त समस्यों के बारे में सूचित करंगे I
प्रतिनिधिमंडल मंडल में जोगिन्दर वालिया के इलाबा, नन्दलाल वर्मा, सचिब, प्रेम चौधरी व गुलाम रसूल व जिला प्रशासन कि तरफ से जिलाधीश, श्री रुगवेद ठाकुर व जिला प्रयटन अधिकारी मोजूद रहे I
जोगिन्दर वालिया नन्द लाल वर्मा
(अध्यक्ष) (सचिव)
बल्ह बचाओ किसान सन्घर्ष समिति

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