एप्पल न्यूज़, शिमला
पांच हजार करोड़ की आर्थिकी वाले सेब उद्योग को सरकार का झटका बताया है। बागवानों ने पचास पैसे समर्थन मूल्य बड़ा कर \”ऊंट के मुँह में जीरा\” समान भद्दा मजाक किया है।
आज जहाँ देश की जनता व गाँव के किसान- बागवान कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी व आर्थिकी सकंट से बुरी तरह जूझ रहा है। वहाँ सेब सीजन शुरू होते ही महंगाई के दौर में पेटी,ट्रे ,सेब पैकिंग सामग्री, पेट्रोल डीज़ल व अन्य समान के दाम बड रहे हैं। इधर सरकार ने पचास पैसे सेब का समर्थन मूल्य बड़ा कर पांच हजार करोड के सेब उद्योग से जुडे आठ जिलो के लाखों परिवार को तोहफा दिया हैं।
इधर कुदरत का कहर,अधिकतर जगह पर ओले ने भारी नुकसान किया है और साथ में इस साल सेब की फसल भी बहुत कम है। जहाँ सरकार ने अभी तक पिछली साल के समर्थन मूल्य के पैसे की अदायगी नहीं की है। वहाँ आढती ने भी अभी तक बागवानों के सेब का पैसा नहीं दिया हैं इस तरह बागवानों का शोषण कर कमर तोड़ दी है।
जब कि सरकार में मंत्री, विधायक व स्वयं सरकार के मुख्या सेब बहुल क्षेत्र से बागवान है। जोकि बागवानों की हर परिस्थितियों व समस्याएं से अवगत होने के बावजूद भी अनदेखी व भद्दा मजाक किया जा रहा है और बागवानों के जख्मो में नमक छिडका जा रहा है।जो कि बहुत ही दुखद व चिन्ता जनक है। जिस कारण पूरे सेब बागवानी क्षेत्रों के बागवानों ,पंचायत प्रतिनिधियों, सेब से सम्बंधित संगठनों व अन्य संगठनों में आक्रोश व नाराजगी है।
अतः उपरोक्त सभी संगठन व बागवान सरकार से मांग व निवेदन करते हैं। कि इस निर्णय को बदल कर पूर्ण विचार करके सेब का समर्थन मूल्य 15 रूपए किया जाये।
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में, बागवान विकास एवं संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश चौहान,फल उत्पादन संघ के अध्यक्ष रविन्द्र चौहान,पर्यावरण संरक्षण समिति के उपाध्यक्ष राजेन्द्र वेक्टा महा सचिव शिव प्रताप भीमटा, सहसचिव विजय चौहान, ग्राम पंचायत के प्रधान ,दलीप जस्टा, हरपाल चौहान , राजीव शर्मा,अम्बिका चौहान, पुर्व प्रधान सुशील चौहान,देवेन्द्र चौहान, मन महोन चौहान,प्रकाश चंद विजय कुमार,ज्ञान ठाकुर बागवान महेन्द्र,सुनील चौहान, सुमन चंद,नरेन्द्र चौहान, प्रभुदयाल, निरज चौहान, नरेष चौहान,सुरेन्द्र चौहान, प्रदीप चौहान ,सुरेश,पंकज चौहान रमेश,सतीश कुमार, चन्द्र महोन, के इलावा सभी बागवानों ने जारी की है।