एप्पल न्यूज़, शिमला
एसजेवीएन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2019-20 में अब तक का सर्वाधिक सालाना विद्युत उत्पादन दर्ज किया है तथा 1651.89 करोड़ रुपए कर उपरांत लाभ भी दर्ज किया है, जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के 1364.29 करोड़ रुपए से 21% ज्यादा है। एसजेवीएन ने अपनी बोर्ड मीटिंग में आज वित्तीय वर्ष 2019-20 के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
निदेशक मंडल ने वित्तीय वर्ष 2019-20 अंकेक्षित वित्तीय परिणामों की मंजूरी दी और 0.50 रुपए प्रति शेयर के अंतिम लाभांश की भी संस्तुति की जो कि मार्च 2020 में घोषित 1.70 रुपए के अंतरिम लाभांश प्रति शेयर के अतिरिक्त है। शेयरधारकों को लाभांश का कुल भुगतान पिछले साल के 844.91 करोड रुपए की तुलना में 864.56 करोड़ रुपए होगा (प्रति शेयर 2.20 रुपए)।
जहां कंपनी की आमदनी 2908.99 करोड रुपए से 6.1 प्रतिशत बढ़कर 3089.15 करोड़ रुपए हो गई ,वहीं कर उपरांत लाभ (पीबीटी) 1792.54 करोड रुपए से 9.3 % बढ़कर 1959.36 करोड़ रुपए हो गया जिसके नतीजे में कंपनी का ईपीएस वर्ष के दौरान 3.47 रुपए से 21% बढ़कर 4.20 रुपए हो गया है, जो कि सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक अच्छी खबर है।
एसजेवीएन के पावर स्टेशनों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के 8435 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 9678 मिलियन यूनिट का अब तक का सर्वाधिक बिजली उत्पादन हासिल किया है जो कि 14.7% अधिक है।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नंदलाल शर्मा ने कहा कि हमारी कंपनी ने वर्ष 1988 में एक एकल जल विद्युत परियोजना से अपनी शुरुआत की थी और आज इसके पास 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2015.2 मेगावाट अंडर ऑपरेशन है, 2880 मेगावाट निर्माणाधीन है, 482 मेगावाट निर्माण पूर्व एवं निवेश मंजूरी के अधीन है तथा 2112 मेगावाट सर्वेक्षण एवं अन्वेषणाधीन अवस्था में है।
शर्मा ने आगे कहा कि जल विद्युत एसजेवीएन का मुख्य आधार है तथा वर्तमान में एसजेवीएन नेपाल में 900 मेगावाट अरुण 3 जलविद्युत परियोजना, भूटान में 600 मेगावाट खोलोंग्चू जलविद्युत परियोजना तथा उत्तराखंड राज्य में 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। इसके अतिरिक्त, एसजेवीएन बिहार में 1320 मेगावाट का बक्सर ताप विद्युत संयंत्र का भी निर्माण कर रहा है।
शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश में आठ (8) जलविद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है तथ परियोजनाओं के विकास में लगभग 24,000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि एसजेवीएन भारत तथा पड़ोसी देशों में विद्युत परियोजनाओं की संभाव्यता तलाश रहा है तथा नेपाल एवं अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ भी बातचीत चल रही है ताकि उनके क्षेत्रों में जल विद्युत क्षमता का दोहन किया जा सके।
एसजेवीएन की टीम में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट तथा सन 2040 तक 25000 मेगावाट के लक्ष्य के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।