एप्पल न्यूज़, शिमला
जाने माने ज्योतिषाचार्य एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में जाने के बाद पैदा होने वाले हालात को लेकर अहम गणना की है। उनके मुताबिक जो जैसे कर्म करेंगे, वो भोगने पड़ेंगे।
पंडित डोगरा के मुताबिक 16 जुलाई 2023 की रात्रि 17 जुलाई की सुबह 5 बज कर 9 मिनट पर सूर्य, मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश हुआ।
17 जुलाई जिसका 1+7=8 अंक शनि का अंक बनता है। शनि कर्म फल दाता है। जैसे कर्म करेंगे वो भोगने पड़ेंगे। शनि न्याय तो करेगा ही।
1+7+7+2+0+2+3=22=2+2=4 राहु का अंक जो अचानक ही कुछ भी कर देता है। संकट दे देता है। शमशान योग बना रहा है।
सूर्य का कर्क राशि में रहना व शनि का कुम्भ राशि में रहना षडाष्टक योग बना रहा है, जो शुभ नहीं है।
पंडित डोगरा कहते हैं कि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक श्रावण मास का अधिक मास का लगना भी शुभ संकेत नहीं दे रहा है। कुछ प्रदेशों में संकट के बादल देगा। बारिश रुकने का नाम नहीं लेगी, बादल फटने के योग ज्यादा बन रहे हैं। 1+8=9 अंक जो मंगल का अंक है। मंगल भूमि का कारक है। भूमि में नुकसान देगा। भूकंप आ सकता है। प्राकृतिक आपदा, जिस कारण परेशानी होगी।
उनका कहना है कि पहाड़ी इलाकों के लिए समय ख़राब है। सरकारें संकट में आएगी। नेताओं का आपसी विवाद बढ़ेगा। वाणी पर संयम नहीं रहेगा। जिस कारण खुद ही परेशानी में पड़ जाएंगे।
सभी लोग श्रावण मास में शिव की पूजा करें। शिव अभिषेक करवाएं। भगवान शिव जी को बिलपत्र चढ़ाएं। संकट में केवल शिव ही रक्षक हैं।
अपने घरों में महामृत्युंजय का जप सभी लोग कम से कम 11 बार रोज करें। बाकी सर्वज्ञ तो ईश्वर है।