IMG_20241205_075052
WEBISTE 6TH DEC 2024
previous arrow
next arrow

“प्राकृतिक खेती” के उत्पादों को MSP प्रदान करने वाला “पहला राज्य” बना हिमाचल-CM

फ्रांस के वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से भेंट की

एप्पल न्यूज, शिमला

फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य एवं पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (आईएनआरएई) के चार वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की। एलआईएसआईएस के उप निदेशक प्रो. एलिसन मैरी लोकोंटो के नेतृत्व में टीम में शोधकर्ता प्रो. मिरेइल मैट, डॉ. एवलिन लोस्टे और डॉ. रेनी वैन डिस शामिल हैं। वह प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आये हैं।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। हिमाचल प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है।

प्रदेश में गेहूं 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।

उन्होंने प्राकृतिक खेती में उत्पाद प्रमाणन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीटारा प्रमाणन प्रणाली शुरू की गई है, जिसे किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम-उन्नति योजना को राज्य में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य रसायन मुक्त उत्पादन और प्रमाणन करना है।

इसके तहत लगभग 50,000 किसानों को शामिल करने और 2,600 कृषि समूह स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, राज्य सरकार डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
आईएनआरएई के वैज्ञानिक तीन सप्ताह तक डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय, नौणी और राज्य के अन्य स्थानों का दौरा करेंगे।

उनका दौरा यूरोपीय आयोग द्वारा वित्त पोषित एक्रोपिक्स परियोजना (अंतर्राष्ट्रीय सह-नवप्रवर्तन गतिशीलता और स्थिरता के साक्ष्य की ओर कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण में सह-नवप्रवर्तन को आगे बढ़ाना है।
 प्रतिनिधिमंडल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में राज्य सरकार के प्रयासों और सीटारा प्रमाणन प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईएनआरएई इस प्रमाणन प्रणाली को अन्य देशों में अपनाने की संभावना तलाशेगा।
बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक सुरेश कुमार, विवेक शर्मा, नीरज नैयर, विनोद सुल्तानपुरी, रणजीत सिंह राणा, सुदर्शन बबलू, सचिव कृषि सी. पालरासू, निदेशक बागवानी विनय सिंह, डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

Share from A4appleNews:

Next Post

विभागीय परीक्षा बोर्ड ने घोषित किए परीक्षा परिणाम

Sat Aug 31 , 2024
एप्पल न्यूज़, शिमला प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि विभागीय परीक्षा बोर्ड, फेयरलान्ज, शिमला द्वारा आयोजित 1 जुलाई, 2024 से 10 जुलाई, 2024 तक आयोजित विभागीय परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसे पीएमआइएस लॉगइन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके मानव सम्पदा पोर्टल पर […]

You May Like

Breaking News