IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

नौणी विवि के 22 वैज्ञानिक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चयनित, UK, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड और इजराइल में लेंगे प्रशिक्षण

एप्पल न्यूज़, नौणी सोलन

शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करने के अपने प्रयासों के तहत  डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी 22 वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों भेजेगा।

 युवा वैज्ञानिकों के साथ-साथ वरिष्ठ प्रोफेसर भी इन 22 वैज्ञानिकों में शामिल हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय द्वारा यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड और इजराइल के प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों में 15 दिन से लेकर 3 महीने तक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए के लिए चुना गया है।

यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालय में कार्यान्वित की जा रही आईसीएआर एन.ए.एच.ई.पी. संस्थागत विकास परीयोजना के तहत प्रायोजित है।

नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि ये 22 चयनित वैज्ञानिक संबंधित संस्थानों और विश्वविद्यालयों के सलाहकारों के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में काम करेंगे।

सभी अपने पेशेवर क्षेत्रों में अनुसंधान के नए आयामों के बारे में जानेंगे। उन्होंने बताया कि प्राप्त ज्ञान और कौशल का उपयोग नौणी में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

 प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि वैज्ञानिकों के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभाशाली वैज्ञानिक जनशक्ति के निर्माण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उन्नयन करना है जो हिमालय क्षेत्र में विकास के नए अवसर पैदा करेगा।

प्रोफेसर चंदेल ने आईसीएआर को धन्यवाद देते हुए कहा कि आईडीपी परियोजना अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उद्यमशीलता कौशल के साथ बागवानी और वानिकी में शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करेगा।

विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए वैश्विक स्तर पर अच्छे रैंक वाले शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के साथ संबंध मजबूत करने और स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

इसके अलावा, विश्वविद्यालय बागवानी और वानिकी के क्षेत्र में सक्षम मानव संसाधन विकसित करने का भी प्रयास कर रहा है।

परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. केके रैना ने बताया कि इन 22 वैज्ञानिकों के अलावा इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विवि के और वैज्ञानिकों को भेजने का प्रयास किया जा रहा है।

विदेशी अनुभव के अलावा वैज्ञानिकों को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का दौरा करने और सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम के लिए चयनित वैज्ञानिकों

डॉ. अनिल कुमार हांडा, डॉ. राजेश कौशल, डॉ. डीआर भारद्वाज, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. सविता जंडैक, डॉ. सुमित वशिष्ठ, डॉ. सुनीता चंदेल, डॉ. अशोक कुमार ठाकुर, डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. विपन गुलेरिया, डॉ. एसके भारद्वाज, डॉ. दिनेश ठाकुर, डॉ. विशाल राणा, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. नारायण सिंह, डॉ. केके रैना, डॉ. मनीषा ठाकुर, डॉ. अंजलि चौहान, डॉ. अनुपमा सिंह और डॉ. नरेंद्र भरत।

डॉ. अनिल सूद और डॉ. मीनू सूद पहले ही एआईटी, थाईलैंड में दो सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम कर चुके हैं और वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में डॉ राकेश शर्मा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। अगले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया, कोरिया और इजराइल के लिए रवाना होंगे कुछ वैज्ञानिक।

Share from A4appleNews:

Next Post

लहुसन को पीलेपन से बचाव के लिये करे इस दवा का छिड़काव

Mon Feb 20 , 2023
एप्पल न्यूज़, कुल्लू उपनिदेशक कृषि कुल्लू ने बताया कि जिले के कुछ क्षेत्रों में लहसुन की फसल में पीलापन देखने को मिल रहा है । उन्होंने सभी किसानों को सलाह दी कि लहसुन को पीलेपन से बचाने के लिए प्रोपिकोनाजोल का छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि एक लीटर पानी में […]

You May Like