एप्पल न्यूज, किन्नौर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी के कामों से देश के लोग इस बार भाजपा को चार सौ से ज़्यादा सीटें दे रहे हैं। हिमाचल भी चार की चार सीटें देकर प्रधानमंत्री को मज़बूती देगा।
किन्नौर में पन्ना प्रमुख सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हैं। ऐसे-ऐसे मामले सामने आए हैं जो पहले कभी नहीं हुए थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने पुलिस को अपने विधायकों की रखवाली करवाने और विपक्ष के नेताओं की जासूसी करवाने में लगा रखा है।
इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ-साथ कांग्रेस के मंडी संसदीय क्षेत्र प्रत्याशी से पूछा कि जब किन्नौर के संस्थान मुख्यमंत्री बंद कर रहे थे आप उसका विरोध करने की बजाय उनका समर्थन क्यों कर रहे थे?
जब वह रोते हुए मंत्रीमण्डल त्यागपत्र दिया तो सरकार पर सवाल उठाए, आख़िर फिर उन्हीं की नीतियों नाम पर वोट माँग रहे हैं, जबकि प्रतिभा सिंह ने तो सरेआम चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा चुनाव हार गई। लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी कुर्सी से चिपके हैं। “मैं सीएम होता तो राज्य सभा की हार के बाद पद से इस्तीफ़ा दे देता”।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अब किन्नौर के लोग भी काम करने वाले लोगों को जिताएं, न कि काम को बंद करने वाले लोगों को।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंद्रह महीनें की सरकार में 15 पैसे का काम नहीं किया है। अपनी नई योजनाएँ नहीं चलाई तो कोई बात नहीं लेकिन जो पुरानी योजनाएं चल रही थी, उन्हें भी बंद कर दिया। हिमकेयर की योजना से प्रदेश के लाखों लोगों को बीमारी के समय 5 लाख का मुफ़्त इलाज मिल रहा था वह भी बंद कर दिया।
एक लाख नौकरियां देने के लिए कहा था, एक नौकरी नहीं दी, 11 हज़ार से ज़्यादा युवाओं को नौकरी से निकाल दिया। गोबर ख़रीदने से लेकर 300 यूनिट बिजली देने का वादा किया, महिलाओं को 1500 रुपए देने की बात कहीं थी, लेकिन दिया कुछ नहीं।
हमने बिना कहे, बिना गारंटी दिये बस का किराया महिलाओं के लिए आधा किया, 30 हज़ार असहाय लोगों को हर महीनें 3 हज़ार रुपए की पेंशन दी। कहा कि कांग्रेस ने बंद करने के लिए अब कुछ नहीं छोड़ा। अब बारी आप लोगों की हैं कांग्रेस को सबक़ सिखाने की।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चाहे मैं हूं या कंगना आप के जैसे परिवार से निकल कर आए हैं, जीवन भर संघर्ष किया है। ग़रीबी देखी है और उससे लड़ने की शक्ति है। विक्रमादित्य को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।
हर दिन लोगों से सोशल मीडिया में आकर सुझाव माँगते रहे, जब लोगों ने सुझाव दिए तो कहा दिया कि मैं डाकिया नहीं हूँ। आप सभी लोग कंगना रनौत को भारी मतों से जिताकर दिल्ली भेजिए वह आपका डाकिया बनेंगी। आपके हर सुख-दुःख को नरेन्द्र मोदी तक पहुचाएंगी और उनके समाधान होगा क्योंकि यह मोदी की गारंटी है।