एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी इल्मा अफ़रोज़ की तैनाती को लेकर गंभीर रुख अपनाते हुए गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है।
इस मामले में सुच्चा सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से 4 जनवरी तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
याचिका में इल्मा अफ़रोज़ की बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र में तैनाती की मांग की गई है, जिसे याचिकाकर्ता ने क्षेत्र की कानून-व्यवस्था और जनता की सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि जब इल्मा अफ़रोज़ को 2024 में बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया था, तो उन्होंने कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया था।
उन्होंने ना केवल एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का पालन सुनिश्चित किया, बल्कि क्षेत्र में सक्रिय ड्रग और खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की।
इस दौरान क्षेत्र में अपराध दर में कमी देखी गई और स्थानीय जनता ने कानून के प्रति अधिक विश्वास महसूस किया।
हालांकि, उनकी वर्तमान तैनाती 16 दिसंबर से पुलिस मुख्यालय में की गई है, जिसे याचिकाकर्ता ने अनुचित ठहराया है।
उनका तर्क है कि बीबीएन क्षेत्र, जो हिमाचल प्रदेश का एक औद्योगिक केंद्र है, माफियाओं और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों का केंद्र बन सकता है यदि वहां सख्त और प्रभावी पुलिस प्रशासन नहीं हो।
सुच्चा सिंह ने हाई कोर्ट से यह अनुरोध किया कि इल्मा अफ़रोज़ को पुनः बद्दी क्षेत्र में तैनात किया जाए, ताकि वहां की जनता को सुरक्षा और स्थायित्व महसूस हो सके।
हाई कोर्ट ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद गृह सचिव और डीजीपी से जवाब मांगते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को निर्धारित की है।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि अधिकारी अदालत को यह बताएं कि वर्तमान तैनाती क्यों की गई और बद्दी क्षेत्र में उनकी पुनः तैनाती क्यों नहीं हो सकती।
यह मामला केवल एक अधिकारी की तैनाती का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक बड़ा सवाल उठाता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इल्मा अफ़रोज़ की तैनाती से बीबीएन क्षेत्र में माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी और क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बना रहेगा।
इल्मा अफ़रोज़, जो अपने कड़े और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं, ने पिछले कार्यकाल में क्षेत्र में अपराधों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उनके काम की सराहना स्थानीय जनता और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई थी। इस पृष्ठभूमि में, यह देखना दिलचस्प होगा कि हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होता है और प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है।