एप्पल न्यूज, ब्यूरो
डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के प्रमुख स्तंभ, का 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह देश के लिए अत्यंत दुःखद और भावनात्मक क्षण है।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उन्होंने अंतिम सांस ली। आज, 28 दिसंबर 2024 को, उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की, जहां उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी कल सायं स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. सिंह भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों के इतिहास में एक अद्वितीय नाम हैं। 1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीतियों को लागू किया।
उनके प्रयासों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर एक नई दिशा दी और भारत को आर्थिक प्रगति की ओर अग्रसर किया।
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने विकास और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता, धैर्य और शालीनता के लिए वे दुनिया भर में प्रशंसा के पात्र बने।
उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal), और सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) शामिल हैं।
उनके निधन पर देश-विदेश के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक “महान अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता” के रूप में याद किया, जिन्होंने हमेशा भारत की प्रगति को सर्वोपरि रखा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल गांधी ने भी उनकी विद्वता और नेतृत्व के लिए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के सम्मान में सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
अंतिम संस्कार के समय उनके परिवार, करीबी मित्रों और राजनीतिक जगत के बड़े नेताओं सहित हजारों लोग मौजूद रहे। निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति का प्रतीक था। वे न केवल एक राजनेता, बल्कि एक उत्कृष्ट अर्थशास्त्री और शिक्षाविद् भी थे।
पंजाब विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और कैंब्रिज विश्वविद्यालय में उनकी शिक्षा ने उनके ज्ञान और दृष्टिकोण को समृद्ध बनाया। उन्होंने अपनी विद्वता का उपयोग हमेशा देश के कल्याण के लिए किया।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक युग का अंत है। उनका शांत और प्रभावशाली नेतृत्व भारतीय राजनीति में सदा याद किया जाएगा। उनके कार्य और विचार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
देश ने केवल एक नेता ही नहीं, बल्कि एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है। उनका योगदान भारत के विकास और वैश्विक पहचान में अमूल्य है। उनके निधन के साथ भारत ने एक सच्चा रत्न खो दिया है।