एप्पल न्यूज़, shimla
आपदा प्रबंधन की बेहतर तैयारियों और प्रतिक्रिया के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने युवा स्वयंसेवियों की टाॅस्क फोर्स बनाने की विशेष योजना आरम्भ की है। इस योजना के तहत प्रभावी आपदा न्यूनीकरण के लिए हर पंचायत में कम से कम 10-15 स्वयंसेवियों के काडर का गठन कर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा, खोज एवं बचाव कार्य के जीवनरक्षक कौशल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रतिभावान युवाओं को स्वयंसेवी बनाने के प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षण के दौरान 200 रुपये प्रतिदिन मानदेय का प्रावधान किया गया है। खोज एवं बचाव और प्राथमिक चिकित्सा पर प्रशिक्षण की अवधि तीन दिन होगी।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की यह योजना सभी जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कार्यन्वित की जा रही है। इसके तहत राज्य की 3226 पंचायतों में स्वयंसेवी तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अगले तीन वर्षों में राज्य में 48390 प्रशिक्षित स्वयंसेवी होंगे। सभी स्वयंसेवकों का जिला स्तर पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा तथा उसे नियमित रूप से भी अपडेट किया जाएगा ताकि आपदा, सड़क दुर्घटना और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान उनकी सेवाएं ली जा सके। इससे आपदा और आपातकालीन समय के दौरान जमीनी स्तर पर निपटने की राज्य की क्षमता में और बढ़ौतरी होगी। स्वयसेवकों की सेवाएं आवश्कता के अनुरूप ली जाएंगी जिसके लिए जिला प्रशासन उन्हें पारिश्रमिक दिया जाएगा।
राज्य आपदा प्रबंधन ने आॅनलाइन पंजीकरण प्लेटफोर्म ¼www.hpsdma.nic.in/Volunteer.aspx.½ सृजित किया है जो हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी बनने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कोई भी युवा सम्बन्धित पंचायत प्रधान अथवा खण्ड विकास अधिकारी या जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सम्पर्क कर सकता है। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष को फोन नम्बर 1070 अथवा जिला नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बर 1077 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं, स्थानीय गैर-सरकारी संस्थाओं, युवा मण्डलों, एनसीसी और एनएसएस से प्रदेश सरकार के इस अभियान से जुड़ने का आहवान किया है।