एप्पल न्यूज़, शिमला
स्वास्थ्य विभाग के पीपीई किट घोटाले में गिरफ्तार कथित आरोपी स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी है। हालांकि विजिलेंस गुप्ता का 5 दिन का रिमांड मांग रही थी लेकिन जिला सत्र ने ये कह कर उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया कि 10 दिनों में उन्होंने गुप्ता से क्या पूछताछ की।
ऑडियो क्लिप के अलावा विजिलेंस के पास गुप्ता के ख़िलाफ़ क्या सबूत है? इस पर विजिलेंस संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई।
गुप्ता के वकील कश्मीर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि पीपीई किट ख़रीद कमेटी में स्वास्थ्य सचिव और डिप्टी डायरेक्टर का ज्यादा रोल है। ऐसे में गुप्ता को बेवजह गिरफ्तार किया गया है।
जिला सत्र न्यायाधीश ने ये भी कहा कि इस दौरान गुप्ता गवाह और किसी को फ़ोन नहीं करेंगे। यदि कोई गड़बड़ी करते हैं तो उनकी जमानत रद्द करने के लिए विजिलेंस कोर्ट आ सकती है। इसलिए ये जमानत सशर्त दी गयी है।
बता दे कि 26 मई को जिला सत्र न्यायाधीश ने उन्हें 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था। गुप्ता को स्वास्थ्य विभाग में मेडकिल ख़रीद घोटाले में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। एक 43 सेकंड का ऑडियो वायरल होने के बाद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।