SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

सोनिया ने की नरसिंहाराव की तारीफ, पोते ने कहा- 16 साल लग गए

IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, शिमला

कांग्रेस शासित सरकार ने प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय पीवी नरसिंहाराव मृत्यु के पश्चात अपनी ही पार्टी के द्वारा बिसरा दिए गए। कभी राष्ट्रीय स्तर के किसी कार्यक्रम, किसी आयोजनों में पीवी नरसिंहाराव कभी याद नहीं किए गए। अचानक राष्ट्रीय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनकी मृत्यु के 16 साल बाद उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, नरसिंहाराव जब देश के प्रधानमंत्री बनें, उस वक्त देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था। उनकी बोल्ड लीडरशिप की वजह से देश इन चुनौतियों से पार हुआ था। सोनिया ने कहा, कांग्रेस उनकी उपलब्धियों और योगदान पर गर्व महसूस करती है।

प्रधानमंत्री रहते हुए ही पीवी नरसिंहाराव और सोनिया के बीच का शीतयुद्ध किसी से छिपा नहीं है। राजीव गांधी हत्याकांड की पेशी के समय सोनिया के बच्चों का अदालत की कार्रवाही में जाना नरसिंहाराव के प्रति उनका अविश्वास दर्शाता था। यह एक तरह का अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार का नरसिंहाराव पर दबाव भी था। खबरों की दुनिया में छन-छनकर आती खबरें बताती थी, कि गांधी परिवार और प्रधानमंत्री के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। कई भाषाओं के जानकार और विद्वान व्यक्ति थे नरसिंहाराव। बाबरी ढांचा ढहने के बाद यह तनातनी चरम पर पहुंच गई।

प्रधानमंत्री नरसिंहाराव के अंतिम संस्कार के दौरान उनका शव पूरी तरह जला भी नहीं था और सब लोग चले गए। उनकी अधजले शव को कैसे पूरा जलाया गया, ये तत्कालीन समय के अखबारों ने बहुत लिखा। यह न केवल घोर संवेदनहीनता का मामला था, बल्कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति की भयानक उपेक्षा का मामला भी था। सोलह सालों तक न तो कांग्रेस पार्टी, न ही पार्टी के मठाधीशों ने कभी जिक्र किया। सोलह साल बाद अचानक भूले-बिसरे गीत की तरह नरसिंहाराव का स्मरण करना कांग्रेस की वर्तमान नेतृत्व की सार्वजनिक जीवन की हार को भी दर्शाता है।

नरसिंहाराव के पोते और तेलंगाना बीजेपी नेता एनवी सुरेश ने कांग्रेस नेतृत्व के इस कदम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस को उनके योगदान की सराहना करने में 16 साल कैसे लग गए ? एनवी सुरेश ने कहा, कि सोनिया और राहुल पीवी नरसिंहाराव से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में कभी भी शामिल नहीं हुए। स्मरणीय है, कि 28 जून 1921 को जन्में नरसिंहाराव का निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ था। कांग्रेस अब उनकी जन्मशती समारोह मनाने जा रही है। नरसिंहाराव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। नरसिंहाराव के दौर में ही भारत में आर्थिक उदारवाद के रास्ते खुले। एकबार पीएम मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहाराव को लेकर कहा, कि मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं, यदि उन्होंने (कांग्रेस ने) 2004 से 2014 के बीच कभी भी सार्वजनिक मंचों पर पीवी नरसिंहाराव के अच्छे कामों की सराहना की हो, तो उसका प्रमाण दें।

आज चूंकि देश में कांग्रेस अपने पतन की ओर अग्रसर है, तब उनको अपने तमाम काबिल पूर्व प्रधानमंत्री (गैर गांधी-नेहरू परिवार) और उनके किए कार्य याद आ रहे हैं। इसी की शुरुआत सोनिया ने नरसिंहाराव की तारीफ से शुरू की। देखते हैं, लालबहादुर शास्त्री कब याद आएंगे ?

अनुराधा त्रिवेदी 

वरिष्ठ पत्रकार, भोपाल 

\"\"
Share from A4appleNews:

Next Post

NJPC द्वारा जुलाई माह के अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़े, सर्वाधिक मासिक विद्युत-उत्पादन के रिकार्ड का नया आयाम किया हासिल

Sun Aug 2 , 2020
एप्पल न्यूज़, झाकड़ीनाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन ने 31 जुलाई] 2020 को रात्रि 12 बजे तक 1213-101 मि0यूनिट विद्युत-उत्पादन कर रिकार्ड दर्ज किया जो कि वर्ष 2014 की तुलना में उत्पादित कुल 1191-217 मि0यूनिट के अपने पूर्व के सर्वाधिक रिकार्ड को तोड़ दिया है । यह हाइड्रो सेक्टर में उत्पादन […]

You May Like