एप्पल न्यूज़, जुब्बल-कोटखाई
जिला शिमला विशेषकर जुब्बल-नावर-कोटखाई में बाग़वानो के लिए बैमौसमी बर्फ़बारी एक त्रासदी साबित हुई हैं। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोती लाल डेरटा, कपिल ठाकुर ब्लॉक युवा कांग्रेस अध्यक्ष, कौशल मुंगटा, राकेश चौहान, राजिन्दर जनारथा, धर्मेंदर बचटा, राकेश सावंत, उमेश सुमन, वेद सुन्टा, सुरेश दुल्टा, विकास सागर, अर्पित राठौर, सतपाल चौहान, प्रमोद लेटका, राहुल शान्टा, यशवंत जस्टा, हरि प्रकाश शोब्टा, प्रकाश चौहान इत्यादि ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही।
उन्होंने कहा कि ऊंचाई वाले स्थानों मुख्यतः जिन बगीचों में एंटी हेल नेट जालियां लगी थी सेब की फ़सल के साथ-2 पेड़ो को भी भारी क्षति पहुँची हैं। इस त्रासदी को प्राकृतिक आपदा घोषित कर सरकार से राहत कार्य शीघ्र-अति-शीघ्र प्रारम्भ मांग की हैं।
उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार आपदा राहत नियमावली (Relief Manunal) में भी सरकार संशोधन करने पर विचार करें ताकि किसानों को राहत मिल सकें। बैमौसमी हिमपात से सेब की फ़सल और विशेषकर पेड़ो को हुए नुक़सान का आंकलन कर आपदा राहत कोष व फ़सल बीमा योजना के तहत सरकार से बाग़वानो को मुआवज़ा देने की मांग की हैं।
उन्होंने कहा कि भारी क्षति को देखते हुए सरकार विशेष गिरदावरी करवाएं जिसमें राजस्व, बाग़वानी और कृषि विभाग को शामिल किया जाएं ताकि नुक़सान का सही आंकलन हो सकें। प्रभावित लघु एवम् सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए सरकार पहल करें। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कृषि ऋण का ब्याज़ माफ़ किया जाए।
फफूंदनाशक और कीटनाशक दवाइयों पर जहां प्रदेश सरकार ने अनुदान ख़त्म कर किसान विरोधी निर्णय लिया हैं। वही दूसरी ओर केंद्र सरकार ने खादों के दामों में अप्रत्याशित वृद्वि कर किसानों के ज़ख्मो पर नमक डालने का काम किया हैं। उन्होंने तीन वर्षों से लम्बित MIS एम०आई०एस० की ₹30 करोड़ की बकाया राशि को तुरंत ज़ारी करने की मांग की हैं। अंत में उन्होंने सरकार से एन्टी हेल जालियों के अनुदान केस फ़िर से बनाकर प्रभावित बाग़वानो की मदद की जाएं क्योंकि बर्फ़बारी से जालियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।