एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई
खनाशनी क्षेत्र के झालटा और गिल्टाड़ी को जोड़ने वाला पब्बर नदी पर चौरी के समीप बना पैदल पुल जर्जर होने से बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है। प्रशासन से पैदल पुल की मुररमत करने की बार-बार मांग की गई लेकिन अभी तक प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। हालत ये है कि इस पुल को पैदल पार करना एक एडवेंचर ट्रिप से कम नहीं है।

यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, शारदा ठाकुर, इंद्रदेव ठाकुर, ओमप्रकाश किमटेटा, बिशन सिंह झालटा, मनोज रांगटा, सुनील नेगी कवालटा, शशिकांत झालटा, विक्रम धानसर ने सयुक्त प्रेस विज्ञप्ति ज़ारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में भारी बाढ़ के चलते पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। स्थानीय विधायक से कई बार पुल को सुधारने की मांग की लेकिन लोगों को सिवाय आश्वासन के कुछ नही मिला।
उन्होंने कहा कि कई करोड़ो के ऑनलाइन उद्घाटन* के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले स्थानीय विधायक के विकास के दावे खोखले साबित हुए हैं जबकि वे एक पैदल चलने वाले पुल की मुररमत तक भी नही करवा पाएं।
पब्बर नदी पूरे उफ़ान पर हैं जबकि लोग पिछले एक वर्ष से जान हथेली में रखकर पुल पार करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता की मांग पर पूर्व कांग्रेस सरकार के प्रयासों से लोक निर्माण विभाग द्वारा पैदल पुल बनाया गया था। यह पुल जहां राष्ट्रीय उच्च मार्ग* तक पहुँचने के लिए बेहतर विकल्प है वहीं इसी पुल से कुड्डू को कम समय में पहुँचा जा सकता हैं लेकिन अब पुल की जर्जर हालत के चलते बच्चों से लेकर बुजुर्गों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से झालटा- गिल्टाड़ी को जोड़ने वाले पुल की युद्धस्तर पर मुररमत करने की माँग की हैं।