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वित्तीय कुप्रबंधन में कांग्रेस की हिमाचल सरकार सबसे आगे, अगर सरकार नहीं चल पा रही है तो छोड़ दो न- नड्डा

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नेशनल हेराल्ड जैसे अखबार, जो छपते ही नहीं, उसे करोड़ों के विज्ञापन दे दिए गए और बेशर्मी से कहा जा रहा है कि “यह मेरा पेपर है, मैं तो दूंगा।” : नड्डा

एप्पल न्यूज, शिमला

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज रविवार को हिमाचल प्रदेश में स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश की सुस्त सुक्खू सरकार पर जमकर हमला बोला।

नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार परफॉर्म नहीं कर पा रही है, मगर उसका दोष केंद्र सरकार पर मढ़ने का प्रयास कर रही है।

मोदी सरकार हिमाचल प्रदेश के कई कल्याणकारी योजनाओं के पैसे आवंटित कर चुकी है, मगर कुम्भकर्णी नींद में सोई कांग्रेस सरकार उन योजनाओं के लिए जमीन तक आवंटित नहीं कर पाई है।

हिमाचल प्रदेश की जनता इस सरकार से दुखी है औ आने वाले समय में वह अपना जवाब भी देगी। प्रेस वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल, सांसद राजीव भारद्वाज, राज्यसभा सांसद श्री हर्ष महाजन और विधायक विपिन परमार सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।

नड्डा ने कहा कि वर्ष 2018 में एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट की परिकल्पना यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी और हिमाचल प्रदेश से चंबा जिला इस योजना से जोड़ा गया था।

वर्ष 2018 से अब तक के पैरामीटर्स और इंडिकेटर्स देखें जाए, चंबा जिले ने शिक्षा, संरचना, कृषि, सिंचाई और वित्तीय समावेशन जैसे 45 विषयों में चंबा ने सराहनीय प्रगति की है। लेकिन कुछ बिंदुओं में थोड़ी कमी दिखाई दी, जिसे जिला प्रशासन को इंगित किया गया है।

अगर इन विषयों पर केंद्र सरकार से किसी प्रकार की सहायता, इनपुट या समर्थन की आवश्यकता हो, तो केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देने को तैयार हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार केंद्र सरकार द्वारा हीमचल प्रदेश की उपेक्षा किए जाने का झूठा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है, सच तो यह है कि यदि देश के किसी भी राज्य में विकास हुआ है, तो वह तब हुआ है जब केंद्र में एनडीए की सरकार रही है।

जब भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब हिमाचल को स्पेशल पैकेज मिला था। इसके विपरीत, जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने हिमाचल को “स्पेशल हिली स्टेट” के लाभों से वंचित कर दिया था। कांग्रेस का यही इतिहास रहा है।

कांग्रेस पार्टी का हिमाचल प्रदेश के किसी भी बड़े प्रोजेक्ट में कोई ठोस योगदान नहीं रहा है। आज जो भी बड़े विकास कार्य हिमाचल प्रदेश में हो रहे हैं, वे या तो श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के समय शुरू हुए या बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे हो रहे है।

नड्डा ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में हिमाचल प्रदेश के सालभर के विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने ₹11,806 करोड़ का बजट आवंटित किया है।

टैक्स रिवेन्यू शेयर के तहत हिमाचल को ₹10,681 करोड़ मिलना था, जिसमें से ₹8,915 करोड़ राज्य को 10 जनवरी 2025 तक मिल चुका है और ग्रांट्स एंड एड में ₹13,285 करोड़ दिए गए हैं।

कैपिटल इन्वेस्टमेंट, इंडस्ट्री डेवलपमेंट और भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण के लिए ₹1,050 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। रेलवे बजट के तहत इस वर्ष ₹2,700 करोड़ हिमाचल के लिए आवंटित किए गए हैं।

बिलासपुर के किसानों को आज तक कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा नहीं दिया है और अब सरकार नई भूमि अधिग्रहण भी नहीं कर रही है जबकि केंद्र सरकार की ओर से यह धनराशि राज्य को प्रदान की जा चुकी है।

किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई है, जिससे हिमाचल प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों को लाभ हुआ है। इसी प्रकार ₹12 लाख तक की आय पर इनकम टैक्स छूट का फायदा प्रदेश के करीब 6.5 लाख लोगों को मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हिमाचल में अब तक 12,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, और 700 नए बस्तियों को जोड़ा गया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा और भी अनेक कार्य हुए हैं, जिनकी सूची बहुत लंबी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भाजपा सरकार ने 38,000 पक्के मकान बनाकर दिए गए हैं।

हिमाचल प्रदेश को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और ट्रिपल आई टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिया है।

कोल डैम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी प्रदान की है। जब प्राकृतिक आपदा आई थी, तब भारत सरकार ने ₹1782 करोड़ की सहायता प्रदान की थी। 10 जुलाई को गृह मंत्रालय ने ₹180 करोड़ रिलीज़ किए।

14 जुलाई 2023 को फिर से हिमाचल प्रदेश के लिए ₹180 करोड़ जारी किए गए। 1 अगस्त को ₹400 करोड़ जारी किए गए और 7 अगस्त को ₹189 करोड़ फिर से रिलीज किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के लिए कुल ₹1,782 करोड़ जारी किए गए।

नड्डा ने कहा कि अब प्रश्न यह उठता है कि राज्य सरकार ने उस पैसे का वितरण कैसे किया? क्या उसमें बंदरबांट हुई? हिमाचल प्रदेश की यह कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट और कुप्रबंधित सरकारों में से एक है।

यह सरकार अपनी नाकामी की जिम्मेदारी खुद नहीं लेती, बल्कि केंद्र पर आरोप लगाती है। केंद्र के पास ऐसा कौन-सा फंड है जो यहां की कांग्रेस सरकार को नहीं दिया गया?

कांग्रेस खुद अपनी नालायकी के कारण सरकार चला नहीं पा रही और दोष केंद्र सरकार पर मढ़ रही है। अगर राज्य सरकार चल नहीं रही है तो उसे छोड़ दीजिए, लेकिन दूसरों पर दोष मत लगाइए।

दूसरों को दोष देना, अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए “ब्लेम गेम” खेलना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 31 मार्च को हर साल ट्रेजरी देर रात तक खुली रहती थी, लेकिन इस बार पहली बार ट्रेजरी बंद रही। राज्य की सुक्खू सरकार व्हाट्सएप पर चल रही है। नेशनल हेराल्ड जैसे अखबार, जो छपते ही नहीं, उन पर करोड़ों के विज्ञापन दे दिए गए और बेशर्मी से कहा जा रहा है कि “यह मेरा पेपर है, मैं तो दूंगा।”

सुक्खू सरकार ने कुप्रबंधन के इतने बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं। कांग्रेस सरकारों में यह सबसे भ्रष्ट और सबसे कुप्रशासित सरकार है, जिसने कुप्रबंधन की हर सीमा पार कर दी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैं पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बना था, तब मैंने हिमाचल प्रदेश को मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत करवाई थी। इसमें ₹25 करोड़ रिलीज भी किए गए थे, लेकिन यह देश की एकमात्र राज्य सरकार है जिसने यह कहते हुए पैसा लौटाया कि हमसे यह नहीं बन पाएगा।

बद्दी जैसे क्षेत्र में इतना बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क बनना चाहिए था। बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार ने ₹1,000 करोड़ की योजना दी, जिसमें से ₹225 करोड़ 2023 में दे दिए गए, लेकिन राज्य अभी तक उस पैसे का उपयोग नहीं कर पाया है।

2014-15 से लेकर 15वें वित्त आयोग तक की स्वास्थ्य योजनाओं में केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग ब्लॉकों और 12 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों की मंजूरी दी, लेकिन एक भी पूरा नहीं हुआ।

मोदी सरकार ने 11 मातृ एवं शिशु अस्पतालों को मंजूरी दी, जिनमें से एक भी चालू नहीं है। पिछली बार जिस अस्पताल का शिलान्यास किया था, आज वह अस्पताल बंद पड़ा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स में से एक भी पूर्ण नहीं हुई है। पिछली सरकार में जब मैं केंद्रीय मंत्री था, तब शिमला में पीलिया से लोगों की मृत्यु हुई थी।

तब मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की स्थापना करवाई थी, लेकिन आज तक जमीन अलॉटमेंट में ही सरकार सोई हुई है। यह सरकार किस तरह से चल रही है? क्या यह कुंभकर्णी नींद नहीं है?

जब किसी कार्य का प्रदर्शन ही नहीं है, तो जिम्मेदारी कौन लेगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाँच वर्षों में एम्स जैसी संस्था को चला कर दिखाया है, तो इसका मतलब है कि कमी दिल्ली में नहीं, हिमाचल प्रदेश में लागू करने वालों में है।

अगर तीन वर्ष में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सिरमौर में शुरू किया जा सकता हैं, तो यहां पर क्यों नहीं? हिमाचल की सुक्खू सरकार एक नॉन-परफॉर्मिंग गवर्नमेंट है।

हिमाचल प्रदेश की जनता इस सरकार से दुखी है और अपने निर्णय पर प्रायश्चित कर रही है। आने वाले समय में वह अपना जवाब भी देगी।

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