एप्पल न्यूज़, शिमला
कोरोना महामारी के बीच फेक न्यूज के नाम पर हिमाचल के कई पत्रकारों पर डिजास्टर एक्ट के तहत दर्ज की गई एफआईआर मुख्यमंत्री द्वारा वापिस लिए जाने की घोषणा का एनयूजे इंडिया ने स्वागत किया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा मामले पर दिए बयान के बाद नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) ने सरकार का आभार जताया है और कहा कि ऐसे फैसलों से मीडिया संबधों में कटूता समाप्त होगी। एनयूजे इंडिया शुरु से ही ऐसे मुकदमों को रद्द करने की सरकार से पुरजोर मांग कर रही थी। प्रदेश अध्यक्ष रणेश राणा ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रितेश चौहान व विशाल आनंद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में राज्य का तमाम पत्रकार जगत अपनी जान पे खेल कर बेहतरीन काम कर रहे है। अपनी जान जोखिम में डाल कर हर छोटी बडी अपडेट को लोगों तक पहुंचा कर उनको जागरुक कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि बावजूद इसके बीते दिनों फेक न्यूज व सोशल मीडीया पर डाली गई पोस्टों के नाम पर पर कई पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। जाने अनजाने व जल्दबाजी में कुछ पोस्ट ऐसे आ गए थे जिनकी पुष्टि नहीं थी लेकिन वह देश व समाज के लिए हानिकारक नहीं थे और उनको तुरंत डिलीट भी कर दिया गया था लेकिन फिर भी कुछ अधिकारी अपनी रंजिशे निकालने के लिए इन्ही मुददों को आधार बनाकर मुकदमे दर्ज करने में लगे रहे। चंबा, मंडी, सोलन, सिरमौर जिला के कई पत्रकारों को प्रताडित करते हुए देखा गया। कई जगह देखा गया कि व्यक्तिगत रंजिश के चलते भी ऐसे मामले दर्ज किए गए। जिसके बाद नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने राष्ट्रीय व राज्य सरकार से एफआईआर रदद् करने की मांग की थी। सरकार ने अब पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर वापिस लेने का फैसला लिया है। जिससे पत्रकारों को राहत मिली है। एनयूजे(आई) हिमाचल इकाई के अध्यक्ष रणेश राणा, महासचिव रुप किशोर, महिला विंग अध्यक्षा सीमा शर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोगिंदर देव आर्य, दिनेश कंवर, जिलाध्यक्ष सोलन राकेश शर्मा, बिलासपुर के बंशीधर शर्मा, कुल्लू के गौरी शंकर, सिरमौर के राजन पुंडीर, मंडी के संयोजक अश्विनी सैणी, ऊना के रविंद्र तेजपाल, पंकज कतना, भारत भूषण, हमीरपुर के पंकज भारतीय व रणवीर ठाकुर, किन्नौर के रतन लाल व समर नेगी, कांगडा के मुख्य संयोजक सुनील महाशा, संयोजक साहिल सन्नी, विजय ठाकुर, चंबा के संयोजक सुरेश ठाकुर आदि ने सीएम की घोषणा का स्वागत किया है जिसमें कोविड के दौरान पत्रकारों पर बने मुकदमे रदद करने की घोषणा की गई थी।