एप्पल न्यूज, शिमला
गत सायं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ0 अरविन्द पनगढ़िया के साथ होटल सिसिल में मुलाकात के लिए निर्धारित एक विशेष कक्ष में बैठक की। यह बैठक करीब 19 मिनट तक चली ।
गौरतलब है कि 16वाँ वित्त आयोग आजकल हि0प्र0 राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर शिमला आया है। इस दौरान पठानियां ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ0 पनगढ़िया से विधान सभा के लिए उदार वित्तिय अनुदान की मांग की ।
बैठक के दौरान कुलदीप पठानियां ने विधान सभा सचिवालय के कौंसिल चैम्बर, विठ्ठलभाई भवन, प्रशासनिक भवन तथा पुस्तकालय भवन के बारे में विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ0 पनगढ़िया को अवगत करवाते हुए पठानियां ने कहा कि विधान सभा के पास उपाध्यक्ष विधान सभा के लिए कोई भी आवास नहीं है जिसके निर्माण कार्य पर 2.50 करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है।
उन्होने कहा कि विधायकों का आवासीय परिसर ओल्ड मैट्रोपोल भी 120 वर्ष पुराना है जिसके पुन: निर्माण पर 165 करोड़ का व्यय होना अनुमानित है। पठानियां ने कहा कि विधान सभा परिसर में बहुमंजिला भूमिगत पार्किंग तथा मनोरंजन कक्ष का निर्माण कार्य प्रस्तावित है जिस पर 9 करोड़ रूपये व्यय होने हैं।
पठानियां ने कहा कि विधान सभा सचिवालय में मॉडूलर फर्नीचर की आवश्यकता है जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ रूपये है। लकड़ियों से निर्मित खिड़कियों को UPVC द्वारा बदलने हेतु 3.50 करोड़ की लागत अनुमानित है।
इसके अतिरिक्त विधान सभा सचिवालय के पास अपने कर्मचारियों के लिए कोई भी आवासीय परिसर नहीं है जिसके निर्माण हेतु 60 करोड़ रूपये व्यय किए जाने प्रस्तावित है। इन सभी निर्माण कार्यों के लिए विधान सभा अध्यक्ष ने कुल 250 करोड़ रूपये की राशी की स्वीकृती की वित्त आयोग के अध्यक्ष से मांग की ।
पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर तथा विठ्ठलभाई भवन का निर्माण स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले वर्ष 1920-25 के मध्य किया गया था। उन्होने कहा कि कौंसिल चैम्बर तथा विठ्ठलभाई भवन एक हैरिटेज बिल्डिंग है जिसमें ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं की जा सकती ।
बदलते समय के साथ-साथ अब देश तथा दुनियां आधुनिकता की ओर अग्रसर है तथा समय-समय पर कई तरह के निर्माण करना अनिवार्य हो जाता है। पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर देश तथा प्रदेश की धरोहर है जिसे बनाए रखना बहुत जरूरी है।
विधान सभा परिसर में मौजूद इन सभी भवनों की मुरम्मत तथा देखभाल पर हर वर्ष लाखों रूपये का व्यय होता है। पठानियां ने कहा कि ई-विधान प्रणाली लागू करने में हम देश में सर्वप्रथम हैं।
पठानियां ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य है यहाँ निर्माण कार्य पर खर्चा बाकि राज्यों की अपेक्षा ज्यादा होता है। यहाँ साधनों तथा संसाधनों का भी अभाव है जिसके चलते खर्चा और भी अधिक होता है।
पठानियां ने कहा कि हि0प्र0 ने अस्तित्व में आने के बाद बहुत तरक्की की है जो यहाँ के लोगों की कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी का परिचायक है। इसके अतिरिक्त केन्द्र द्वारा मुहैया की गई राशी के सदुपयोग से भी यह सम्भव हो पाया है।
इस अवसर पर पठानियां ने कहा कि यह प्रदेश बहुत सुन्दर है तथा यहाँ पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। अत: पर्यटन को विकसित करने के लिए भी उदार वित्तिय सहायता उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि यह राज्य आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर हो सके।
बैठक के दौरान डॉ0 पनगढ़िया ने भी पठानियां द्वारा उठाई गई मांगो को गम्भीरता से सुना तथा उस पर गौर करने का आश्वासन दिया।