एप्पल न्यूज, शिमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा कि मुख्यमंत्री ने नोटिफिकेशन पर जो क्लैरिफिकेशन दी वो विचित्र है। व्यवस्था परिवर्तन के रट में सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के बजाय व्यवस्थाओं के पतन की ओर जा रहे हैं।
नोटिफिकेशन जारी करने के बाद फिर नई जारी की जा रही है। और बैक डेट पर की जा रही है। सरकार फैसलों को लेकर विचार करती है लेकिन ये सरकार पलटू की सरकार बन गई है।
प्रदेश में भाजपा सरकार के समय काग्रेस के नेताओं ने झूठी गारंटियां दी और हकीकत ये कि काग्रेस ने वादे के अनुरूप 5 लाख नौकरियों को पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियां देंगे।
इसके विपरीत 2 साल में अब तक सही आंकड़ा नहीं दे पा रहे कि कितनी नौकरी दी। क्योंकि ये न के बराबर है। नैतिकता बनती है कि वादा निभाएं।
23 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार दो साल से खाली पड़े पदों को खत्म कर दिया है। अब सुक्खू कह रहे हैं कि मीडिया शी से पढ़ते नहीं और पढ़ते हैं तो समझते नहीं, ये बात सही नहीं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मीडिया के सामने सही से पढ़कर आइए। अधिकारी क्या लिखते है और आप क्या पढ़ते समझते है।
क्योंकि अब इस नोटिफिकेशन का इंपेक्ट काफी अधिक पढ़ने वाला है। और इस समय करीब डेढ़ लाख पद खाली पड़े हैं जो खत्म हो जाएंगे। दो लाख नौकरी देनी थी डेढ़ लाख खत्म कर दी। ये अन्याय है।
टॉयलेट टैक्स, बस भाड़ा दरों में भी नोटिफिकेशन कर बदली गई है। खुद अधिसूचनाएं बदलकर कहते हैं कि मीडिया और विपक्ष को पढ़ना नहीं आता।
अब 2012 की तत्कालीन धूमल भाजपा सरकार की नोटोफिकेशन के नाम पर लीपापोती की जा रही है जो गलत है।इसमें कही भी पदों को समाप्त करने की बात नहीं कही गई थी।
उन्होंने कहा कि ये हिमाचल को सुख की सरकार से बेरोजगारों का दो साल में सब्र टूट गया है। अब सरकार नौकरियां कहीं खत्म कर रही है।
जब गलती खुद कर दोष दूसरों पर मढ़ते हैं तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है। अपनी गलती में सुधार न कर मीडिया और विपक्ष पर दोष लगाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है।
अब नौजवानों की आशाओं पर पानी फेरना, प्रदेश के लिए बड़ा आघात है। पद समाप्त करने की जरूरत थी तो कैबिनेट रेंक समाप्त कर एक अच्छा संदेश जाता जिसका जनता स्वागत करती। CPS को दायित्व मुक्त करते, लेकिन बेरोजगारों की उम्मीदें समाप्त कर दी।