एप्पल न्यूज, शिमला
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार आईटी नवाचार, डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस गोकुल बुटैल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हमेशा तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया है।
इसी सोच के साथ कार्य करते हुए ई-सेवाओं को बढ़ाकर 275 तक पहुँचाया गया है ताकि लोगों को घर बैठे सभी सेवाओं का लाभ उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता टेक्नोलॉजी डिलीवरी है और इसी दिशा में कार्य करते हुए आने वाले समय में इन ई-सेवाओं को और बढ़ाकर 300 से अधिक कर दिया जाएगा।
गोकुल बुटैल शिमला के मेहली में डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस विभाग कार्यालय आईटी भवन के सभागार में डिजिटल हेल्पलाइन का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
इस डिजिटल हेल्पलाइन को सरकारी विभागों के अधिकारियों के लिए बनाया गया है ताकि लोगों को सेवा प्रदान करने में आ रही समस्याओं का निदान त्वरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन को मुख्यमंत्री सेवा संकल्प के साथ जोड़ा गया है।
किसी भी ई-सेवा एप्लीकेशन एवं पोर्टल से जुड़ी समस्या के लिए सरकारी विभागों के अधिकारी हेल्पलाइन नंबर 0177-3525101/02 पर समर्पक कर सकते हैं।
हर पंजीकृत समस्या के लिए एसएमएस के माध्यम से एक टिकट नंबर जनरेट किया जाएगा जिससे समस्या समाधान प्रक्रिया को ट्रैक किया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश में डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग कृषक ,चरित्र, बोनाफाइड प्रमाण पत्र से लेकर कई सरकारी सर्वे सहित 275 तरह की ऑनलाइन सेवाएं लोगों को प्रदान कर रहा है जिसमें कई बार अधिकारियों और कर्मचारियों को तकनीकी खामियों का उठानी पड़ती है।
इसके समाधान के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग द्वारा विकसित अनुप्रयोगों और पोर्टलों के संबंध में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को त्वरित सहायता प्रदान करने और उनके प्रश्नों का समाधान करने के लिए एक डिजिटल हेल्पलाइन की स्थापना की है जिसका आज शिमला आईटी भवन मेहली में सीएम के प्रधान सलाहकार (इनोवेशन और प्रौद्योगिकी एवं शासन) गोकुल बुटेल ने शुभारंभ किया।
इस मौके पर गोकुल बुटेल ने कहा कि हेल्पलाइन विभागीय उपयोगकर्ताओं की सहायता करने और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प, रिलीफ पोर्टल, हिमाचल ऑनलाइन सेवा पोर्टल (ईडिस्ट्रिक्ट), ईऑफिस, हिमएक्सेस – एसएसओ, लिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) जैसे अनुप्रयोगों से संबंधित उनकी समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल हेल्पलाइन 0177- 3525101/02 स्थापित की गई है।
गोकुल बुटेल ने कहा कि सरकार के पॉलिसी मेकिंग में भी डिजिटल सेवाएं अपनी भूमिका अदा कर रही हैं। वर्ष 2016 में 51 सेवाओं के साथ डिजिटल सेवाओं की शुरूआत की गई थी जो अब बढ़कर 275 हो गई है।
सर्वे में भी डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।बिजली मीटर केवाईसी का काम भी ऑनलाइन चल रहा है और अभी तक 5 लाख मीटर की KYC हो गई है।
वहीं गोकुल बुटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार दो आईटी पार्क कांगड़ा और शिमला में बनाने जा रही हैं जिसमें हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
विभाग लोगों में ऑनलाइन सेवाओं की जागरूकता पैदा करने के लिए गांव गांव में जाकर वर्कशॉप करेगा। इस दिशा में 1 अक्टूबर को ऊना में दो वर्कशॉप की गई है।
ई-सर्विसेज की साल में होती हैं 20 लाख ट्रांजेक्शन
उन्होंने कहा कि इन ई-सर्विसेज की साल में 20 लाख ट्रांजेक्शन होती हैं जिससे यह पता लगता है की लोग इन सेवाओं का भरपूर लाभ ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ई-विधान की शुरुआत वीरभद्र सिंह की सरकार के समय में हुआ था और इसका अनुसरण आज राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले 2 साल में प्रदेश आईटी के क्षेत्र में दक्षिण भारतीय राज्यों से आगे निकल जायेगा।
गोकुल बुटैल ने कहा कि सर्वे कार्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नीति निर्धारण इसके बाद ही आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध करवाने में यह सर्वे मदद करेंगे।
शिमला और कांगड़ा में बन रहे आईटी पार्क
गोकुल बुटैल ने कहा कि प्रदेश में 2 आईटी पार्क कांगड़ा और शिमला में बनाये जा रहे हैं ताकि प्रदेश के शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए अन्य राज्यों की ओर रुख न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना है। सचिव, डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस, रखिल काहलों ने सभी का धन्यवाद किया और विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की।
निदेशक, डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस, डॉ निपुण जिंदल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विभाग द्वारा किए जा रहे नए कार्यों और नवाचारों की जानकारी दी।
इस दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा ई-डिस्ट्रिक्ट के तहत उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सेवाओं का डेमो ऑनलाइन दिया गया। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सर्वे ऍप्लिकेशन्स की जानकारी भी दी।