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हिमचल में सिंगल विंडो बैठक में 883 करोड़ की 25 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी

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एप्पल न्यूज, शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश सरकार ने 30वीं एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण बैठक का आयोजन किया।

इस बैठक में 883.36 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़ी 25 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिससे लगभग 2830 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।

इस बैठक में विभिन्न उद्योगों के लिए नई परियोजनाओं और मौजूदा इकाइयों के विस्तार से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

सरकार का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को उद्योगों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाना है ताकि राज्य में आर्थिक विकास तेज हो और लोगों को अधिक रोजगार के अवसर मिलें।

यह बैठक हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई औद्योगिक इकाइयों और मौजूदा कंपनियों के विस्तार से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।

आने वाले वर्षों में हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में यह निर्णय बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।


मुख्य बिंदु:

  • 25 नई औद्योगिक परियोजनाओं को स्वीकृति मिली।
  • 883.36 करोड़ रुपये का संभावित निवेश होगा।
  • 2830 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद।
  • औद्योगिक विस्तार और नए निवेश को आकर्षित करने की पहल।
  • औषधि, टेक्सटाइल, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य उद्योगों को मंजूरी।
  • सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, ऊना सहित कई जिलों में परियोजनाएं स्थापित होंगी।

1. नई औद्योगिक इकाइयों की स्वीकृति:

बैठक में कई नई औद्योगिक इकाइयों को मंजूरी दी गई, जिनमें फार्मा, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण, बैटरी निर्माण और सौर ऊर्जा जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।

(i) फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर सेक्टर:

हिमाचल प्रदेश में फार्मा हब के रूप में पहचान बन रही है। नई स्वीकृत फार्मा इकाइयों में शामिल हैं:

  • मैसर्स बाउजी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (सोलन): कैप्सूल, टैबलेट, लिक्विड निर्माण।
  • मैसर्स रिजलिन्स हेल्थकेयर (बद्दी, सोलन): टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड।
  • मैसर्स माइक्रो फार्मा (नालागढ़, सोलन): टैबलेट, कैप्सूल।
  • मैसर्स क्वालिटी फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (कांगड़ा): ओरल सस्पेंशन, इंजेक्शन, टैबलेट, कैप्सूल।
  • मैसर्स एक्मे जेनरिक्स प्राइवेट लिमिटेड (नालागढ़, सोलन): कैप्सूल, टैबलेट, लिक्विड स्टार्च निर्माण।

(ii) टेक्सटाइल उद्योग:

हिमाचल प्रदेश में कपड़ा उद्योग का भी विस्तार हो रहा है। कांगड़ा और सोलन जिलों में कई टेक्सटाइल कंपनियों को मंजूरी दी गई, जैसे:

  • मैसर्स श्री कौमुदी टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (कांगड़ा): फैब्रिक, तौलिए निर्माण।
  • मैसर्स वर्धमान स्पिनिंग मिल्स (बद्दी, सोलन): कॉटन और ब्लेंडेड यार्न उत्पादन।
  • मैसर्स विनसम टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बद्दी, सोलन): कॉटन फ्लीस निर्माण।

(iii) खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योग:

  • मैसर्स आरआरडी ऑयल्स एंड फैट्स प्राइवेट लिमिटेड (ऊना): रिफाइंड खाद्य तेल, डिस्टिल्ड फैटी एसिड निर्माण।
  • मैसर्स एफिशिएंट क्रॉप कंट्रोल (नालागढ़, सोलन): जिंक पाउडर उत्पादन।

(iv) ऊर्जा और बैटरी निर्माण:

  • मैसर्स जुपिटर इंटरनेशनल लिमिटेड (बद्दी, सोलन): सौर सेल निर्माण।
  • मैसर्स बालाजी स्टोरेज बैटरीज लिमिटेड (सिरमौर): बैटरी चार्जिंग और पैकिंग।

(v) अन्य प्रमुख उद्योग:

  • मैसर्स बारफ्लेक्स पॉलीफिल्म्स लिमिटेड (बद्दी, सोलन): प्लास्टिक फिल्म, पीवीसी फिल्म निर्माण।
  • मैसर्स तिवारी फार्मा प्राइवेट लिमिटेड (नालागढ़, सोलन): टैबलेट, कैप्सूल निर्माण।
  • मैसर्स एसए कंसल्टेंसी एंड प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (नालागढ़, सोलन): मलहम, टैबलेट निर्माण।
  • मैसर्स इंडो स्पिरिट्स (नाहन, सिरमौर): IMFL और देशी शराब उत्पादन।

2. मौजूदा औद्योगिक इकाइयों के विस्तार को मंजूरी:

बैठक में कुछ मौजूदा औद्योगिक इकाइयों के विस्तार को भी मंजूरी दी गई। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • मैसर्स वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड (बद्दी, सोलन): कॉटन और ब्लेंडेड यार्न निर्माण।
  • मैसर्स ग्रीनलैम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (नालागढ़, सोलन): डेकोरेटिव लेमिनेट्स निर्माण।
  • मैसर्स अमेर सिल केटेक्स प्राइवेट लिमिटेड (ऊना): पॉलिएस्टर यार्न, तकनीकी टेक्सटाइल निर्माण।
  • मैसर्स यूरोक्रिट लैब इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (बद्दी, सोलन): एम्पाउल्स और शीशियां निर्माण।

सरकार की नीति और रणनीति:

हिमाचल प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” के तहत नई नीतियाँ लागू की हैं। ये निवेश न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने में सहायक होंगे बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक निवेश को सुगम बनाने के लिए “सिंगल विंडो क्लियरेंस” जैसी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू कर रही है। इससे हिमाचल प्रदेश देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा औद्योगिक गंतव्य बन रहा है।

बैठक में उपस्थित अधिकारी:

  • उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, ओंकार चंद शर्मा और आर.डी. नजीम।
  • प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार।
  • निदेशक उद्योग यूनुस।
  • विशेष सचिव ऊर्जा अरिंदम चौधरी।
  • हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी।

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