एप्पल न्यूज़, कांगड़ा
विभाग की नाकामी के कारण प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रही शिक्षकों की कमी। कैबिनेट से 1304 टीजीटी पदों की भर्ती की मंजूरी मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की। दूसरी ओर विभाग अपनी नाकामी छुपाने के लिए एसएमसी अध्यापकों को एक्सटेंशन दिलाने की मंजूरी में लगा है जो हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश की सरासर अवहेलना है।
हिमाचल प्रेदश बेरोजगार संघ के अध्यक्ष कुलदीप मनकोटिया ने कहा कि विभाग रूसा सब्जेक्ट कांबिनेशन के मसले को सॉल्व करे । ना की एसएमसी अध्यापकों को एक्सटेंशन दिलाने की सिफारिश।
ज्ञात रहे कि प्रदेश में बहुत से स्कूल अध्यापकों की कमी झेल रहे है। लोग बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने में जुट रहे है कारण शिक्षा विभाग की कमी है। जिन स्कूलों में अध्यापक नहीं होंगे तो बच्चों की एनरोलमेंट कम ही होगी ऐसे में कई स्कूलों को ताले लग चुके है और आने वाले समय में ओर स्कूल अध्यापकों की कमी के चलते बंद होंगे।
संघ ने चेताया कि यही हाल रहा तो वो दिन भी दूर नहीं जब स्वयं शिक्षा विभाग भी बंद होगा। अस्थायी अध्यापकों की नियुक्ति सवैंधानिक नहीं है। स्वयं शिक्षा विभाग ने संस्थान को मजाक बना दिया है । रूसा की याद 2020 में विभाग को आ रही है जबकि रुसा 2013 से लागू हो चुका है। संघ का कहना है कि
विभाग के सारे वायदे, विभाग की सारी योजनाएं खोखली मालूम होती है। विभाग ने अब तक सिर्फ अध्यापकों का शोषण ही किया है । कभी पेरा तो कभी पी टी ए ओर अब एसएमसी अध्यापक बना कर शोषित किया जा रहा छवि।
संघ ने मामले पर मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।