एप्पल न्यूज़, कांगड़ा
कांगड़ा मिनिएचर पेंटिंग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिभा स्पंदन सोसाइटी, शिमला और कल्प फाउंडेशन, मंडी ने कांगड़ा मिनिएचर पेंटिंग पर पांच दिनों (11-15 मई 2021) की कार्यशाला का आयोजन किया। दोनों संगठन हिमालयी क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में शामिल हैं और शैक्षणिक समुदाय, विद्वानों और छात्रों के लाभ के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं।
कार्यशाला के आयोजक डॉ मृत्युंजय शर्मा व डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. हरि चौहान, क्यूरेटर, एचपी स्टेट म्यूजियम, शिमला द्वारा किया गया, जो एक प्रसिद्ध पुरातत्वविद् हैं और उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे। कांगड़ा पेंटिंग, कांगड़ा की चित्रात्मक कला है। चित्रकारी खनिज और वनस्पति रंगों का उपयोग करते हुए हाथ से बने कागज पर की जाती है।
उन्होंने कहा कि लघु कलाओं के संरक्षण में रियासतों के शासकों द्वारा प्रयास किए गए हैं। उन्होंने लघु चित्रकला की कला को बढ़ावा देने में राज्य संग्रहालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने लघु कला को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पांच-दिवसीय कार्यशाला के दौरान प्रतिभागी प्रख्यात कांगड़ा लघु चित्रकार सुरेश चौधरी से कांगड़ा मिनिएचर पेंटिंग, लाइन और शेड वर्क, कलर मेकिंग और कलरिंग तकनीकों की मूल बातें सीखेंगे। कार्यशाला में देश के 11 राज्यों के विभिन्न आयु समूहों के लगभग 33 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।