एप्पल न्यूज़, नाहन
ईदुल फित्र रमज़ानुल मुबारक के रोज़ों और कुरआन का तरावीह की नमाज़ में सुन्ने की अल्लाह की तरफ से तौ फीक़ मिलने के शुक्रिये में बतौर शुक्राना खुले मैदान में अदा की जाती है जिसकी शुरुआत हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने 27 मार्च 624 ईस्वी में अदा फरमाई थी उस वक़्त आपकी उम्र शरीफ 52 साल छः माह बीस दिन की थी इसका इज़हार मौलाना कबीरुद्दीन फारान नाज़िम मदरसा क़ादरिया मिस्सरवाला ज़िला सिरमौर हिमाचल प्रदेश ने किया।
मौलाना फारान ने कहा कि रमज़ानुल मुबारक में रोज़ा रख कर तुमने खुदा के अहकाम पर अमल करना सीखा भूखा प्यासा रह कर गरीबों की लाचारी का अन्दाज़ा किया फित्रा अदा कर के इन्सानी मुरव्वत व हमदर्दी का सबक़ दिया अब ईदगाह में खुदा की फरमांबरदारी और इन्सानी मुहब्बत का तोहफा और इनामे खुदा वन्दी यानी मग़फिरत का परवाना लेकर और उसके शुक्रिया में दो रकअत बतौर शुक्राना नमाज़ अदा करते हैं।
मौलाना ने अखीर में कहा कि जो रमज़नुल मुबारक की इबादत करता है वह जानले कि रमज़ान खत्म हो गया और जो अपने परवर दिगार की इबादत करता है तो वह भी समझले कि अल्लाह की इबादत तो हर इन्सान पर मरते दम तक है।
राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर पर दी बधाई
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने ईद-उल-फितर के अवसर पर प्रदेश के लोगों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को बधाई दी है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की है कि यह त्यौहार देश में शांति, एकता तथा भाईचारे को सुदृढ़ करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद का त्यौहार पवित्र रमजान के महीने के अंत में उत्साह एवं खुशहाली लेकर आता है। उन्हांेने आशा व्यक्त की है कि यह त्यौहार अच्छाई का सन्देश देता है और यह देश की एकता तथा अखण्डता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।