एप्पल न्यूज, शिमला
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत नालदेहरा में 40 लाख रुपए की लागत से निर्मित किए गए हिम ईरा हाट के भवन का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिम ईरा हाट के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार स्थानीय व्यंजनों को परोसना तथा जैविक खाद से तैयार किए गए उत्पादों को बेचने के लिए एक प्लेटफार्म देना सरकार की सराहनीय पहल है।
उन्होंने कहा कि इस हिम ईरा हाट में पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिला के उत्पाद बेचने के लिए रखे जाएंगे जो कि पूर्ण रूप से जैविक होंगे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाऐं तरह-तरह के स्थानीय व्यंजन बनाती है जिसमें स्थानीय राजमाह व अन्य दालें, लाल चावल व अन्य फसलें शामिल है।
इसके अतिरिक्त चम्बा का रूमाल, कांगड़ा की पेंटिंग, किन्नौरी व कुल्लवी टोपी, शिल्प कला कृतियां इत्यादि के प्रदर्शन एवं उन्हें बेचने के लिए पहले कोई प्लेटफोर्म नहीं होता था इसलिए वर्तमान सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पहल की जो कि इन महिलाओं की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि नालदेहरा हिम ईरा हाट में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए व्यंजनों व उत्पादों के अतिरिक्त रेस्तरां भी होगा जिसमें पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी व्यंजनों का आनंद उठा सकते है।
उन्होंने कहा कि मशोबरा खण्ड की स्वयं सहायता समूह फेडरेशन को इस हाट को चलाने का जिम्मा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस हिम ईरा हाट भवन की भूतल में बैठक एवं प्रशिक्षण, प्रथम तल में पारंपरिक हिमाचली व्यंजन तथा तीसरी मंजिल में जिला शिमला के सभी ब्लॉकों के हस्त निर्मित उत्पाद के बिक्री आउटलेट होंगे।
कैबिनेट मंत्री ने छोटा शिमला में हिम ईरा हाट एवं प्रीमियम स्टोर का किया शुभारंभ
इसके उपरान्त कैबिनेट मंत्री ने छोटा शिमला में भी हिम ईरा हाट एवं प्रीमियम स्टोर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला ने शिमला शहर में निर्मित किए गए छः बुक कैफे में से तीन बुक कैफे न्यू शिमला, चौड़ा मैदान तथा छोटा शिमला को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालन के लिए उपलबध करवाए हैं।
इसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेचने तथा स्थानीय व्यंजनों को परोसने के लिए उपलब्ध करवाए गए है।
इस पहल के लिए उन्होंने नगर निगम महापौर सुरेन्द्र चौहान, समस्त नगर निगम पार्षदों तथा अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला मण्डल तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा काफी समय से उनके द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने के लिए उचित जगह की मांग की जा रही थी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने महिलाओं मांगों पर गंभीरता दिखाते हुए नगर निगम से बातचीत की और अब यह हिम ईरा हाट एवं प्रिमियम स्टोर महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इन भवनों में स्थानीय युवाओं को पढने की सुविधा भी होगी साथ ही वे स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार विभिन्न व्यंजनों तथा उत्पादों का आन्नद भी उठा सकते है।
स्वंय सहायता समूह के उत्पादों के विक्रय के लिए लिफ्ट के नज़दीक निर्मित किया जाएगा प्रदेश स्तर का विक्रय केन्द्र
उन्होंने कहा कि लिफ्ट के नजदीक नगर निगम पार्किंग में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 2 करोड़ रूपए की लागत से एक बडे स्तर का विक्रय केन्द्र बनाया जा रहा है जो अगले छः महिने में बनकर तैयार हो जाएगा।
इस विक्रय केन्द्र में प्रदेश के हर जिला को स्थान दिया जाएगा ताकि उस जिला की स्वंय सहायता समूह की महिलाऐं अपने-अपने स्थानीय उत्पादों को बेचकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सके। साथ ही हमारे पौराणिक व्यंजन, हमारी संस्कृति का प्रचार प्रसार भी संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि उत्पादों की पैकेजिंग के लिए गुम्मा में भी पैकेजिंग यूनिट स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला शहर के उपनगर न्यू शिमला में भी एक वेयर हाउस बनाया जाएगा ताकि पूरे हिमाचल के उत्पादों की यहां पैकेजिंग कर अच्छे दाम प्राप्त किए जा सके।
उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बेचने के लिए हिमाचल सरकार अपना ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रही है।
भारत सरकार का पोर्टल भी है और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा अमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट के साथ भी समझौता कर पंजीकरण किया जा रहा है ताकि हिमाचल के सभी स्थानीय उत्पादों को ऑनलाइन बेचा जा सके।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिम ईरा हाट का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन परोसने के साथ-साथ स्थानीय हस्त निर्मित उत्पादों (वोकल फॉर लोकल) को बढावा देना है।
उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं के सशक्तिकरण, संकीर्ण मानसिकता से बाहर आना, महिलाओं को अधिक निर्णयात्मक स्वायतता, महिलाओं की आय बढ़ाना, महिलाओं को कुशल बनाना, उनकी क्षमता तलाशने के अवसर प्रदान करना तथा हिमाचल प्रदेश की विविध व्यंजन, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है।
यह भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर शिमला शहरी विधान सभा क्षेत्र के विधायक हरीश जनार्था, नगर निगम महापौर सुरेन्द्र चौहान, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रियतु मंडल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन शिवम प्रताप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा, परियोजना अधिकारी डीआरडीए कीर्ती चंदेल, खण्ड विकास अधिकारी मशोबरा डॉ0 अंकित मनकोटिया, अधिशाषी अभियंता राजेश चंदेल, सहायक अभियंता प्रदीप मेहता, पूर्व मंत्री रूपदास कश्यप, पंचायत समिति अध्यक्षा चन्द्रकांता, नगर निगम पार्षद नरेन्द्र ठाकुर, शीनम कटारिया, विशाखा मोदी, कांग्रेस मण्डलाध्यक्ष रामकिशन शांडिल, प्रधान ग्राम पंचायत बलदेंहा गीता देवी, बीडीसी सदस्या निशा कुमारी, प्रधान ग्राम पंचायत ढली रमादेवी, डुम्मी पंचायत के प्रधान गौरव वर्मा, उप प्रधान सीताराम शर्मा, सत्यप्रकाश, विभिन्न स्वंय सहायता समूहों तथा महिला मण्डलों की सदस्यों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।