एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
अफसोस इस बात का है कि लालसा रामपुर सड़कों मे गाड़ियों के चलने मे कमी नहीं आ रही है। प्रात:5:15 बजे छोटी गाड़ियां चलनी प्रारंभ हो जाती हैं और दिनभर रात्रि तक चलती रहती है जो कर्फ्यू का सीधा सीधा उलंघन है। कार्यालय बंद है, बाजार बंद है फिर किस काम से दौड़े हैं। ऐसा तो क्या है कि सभी के पास बने हैं। सब जगह पुलिस ही अनुशासन बनाए रखे ये जरूरी नहीं । हमारी भी तो अपनी कोई नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
गाड़ी दौड़ाने वालों को मेरी बात चुभ रही होगी पर है ये कानून विरोधी कार्य। कुछ ये भी सोच रहे होंगे कि इसके पास और कोई कार्य ही नहीं। आज तो रविवार है पर दौड़ने की रफ्तार कम नहीं। इस स्थिति को देखकर मुझे लगता है कि हम नोग वाले महामारी से बेखौफ हैं और सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। सड़क पर गाड़ी दौड़ाना अपनी बहादुरी समझते हैं। इन दिनों आत्मानुशासन की बहुत जरूरत है जो मेरे गाड़ी वाले बन्धुओं मे नहीं दिख रही है। मुझे स्वयं भी बैंक व इंश्योरेंस के सिलसिले में रामपुर जाना है पर अभी तक हिम्मत नहीं कर पाया है। मित्रो कोरोना को हलके मे ना लें। अच्छे नागरिक हमेशा कानून का सम्मान करते हैं। चालाकी नहीं दिखाते। मेरे घर के पास से जब ये गाड़ियां गुजरती है सच मे मुझे चुभन होती है। मुझ से रहा नहीं गया इसलिए पोस्ट डाल दी।
साभार
एक शिक्षक की कलम से
जो a4applenews.com के पाठक हैं