आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश 5 अगस्त को किसानों द्वारा अपने हकों के लिए शिमला में किए जा रहे प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन करती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी हिमाचल ही नहीं बल्कि पूरे भारत में किसानों की खुशहाली हेतु दृढ़ संकल्पित हैं ।
इसका उदाहरण नवंबर 2020 में दिल्ली में हुए किसान आंदोलन के समय भी देखने को मिला था जब आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने अपने स्टेडियम किसानों को गिरफ्तार करके रखने के लिए देने से साफ इंकार करते हुए केंद्र सरकार से सीधा टकराव तक मोल ले लिया था।
दिल्ली के सभी बॉर्डर पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों के घेराव स्थलों पर बिजली पानी टॉयलेट और वाईफाई तक उपलब्ध करवाया था जिसकी संयुक्त किसान मोर्चा सहित सभी किसान संगठनों ने भी सराहना की थी।
इस बार हिमाचल प्रदेश में
भी आम आदमी पार्टी ने किसानों बागवानों को महंगे पैकेजिंग मैटेरियल, उस पर बड़ी हुई जीएसटी की दर, ब्लॉक में खाद बीज दवाई उपलब्ध ना होना, मंडियों में एपीएमसी एक्ट लागू ना होना, कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस में सेब की खरीद और समर्थन मूल्य जैसे सभी मुद्दों पर सबसे पहले पुरजोर तरीके से अपना विरोध दर्ज करवाया था और किसान विरोधी जयराम सरकार को नींद से जगाया।
आम आदमी पार्टी हिमाचल की आर्थिकी के मुख्य आधार सेब तथा अन्य फल सब्जियों तथा नगदी फसलों के किसानों की आय कैसे बढ़े इस दिशा में बहुत गंभीरता और नव दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है।
अब किसानों के रोष और आम आदमी पार्टी की मुखरता से घबराई जयराम सरकार आनन-फानन में कुछ हरकत में आई है और आधी अधूरी घोषणाएं करके किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है तो उन पर सवाल उठने और संदेह होना लाजमी है।
जैसे सरकार द्वारा गठित कमेटी कब तक अपना काम शुरू करेगी?
क्या इसमें किसानों के असल प्रतिनिधि शामिल होंगे या हिमाचल सरकार केंद्र की सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी की तर्ज पर अपने चापलूसों को ही इसमें रखेगी?
क्या यह कमेटी सेब सीजन 2022 जो आधा बीतने जा रहा है के दौरान सेब खरीद के रेट निर्धारित कर पाएगी या यह 2023 में लागू करेगी जब भाजपा सरकार की विदाई हो चुकी होगी?
क्या यह कमेटी द्वारा खरीद के रेट टमाटर मटर अदरक लहसुन व अन्य फल सब्जियां आदि के लिए भी जारी किए जाएंगे ?
पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी के 6% रिफंड पर किसानों से स्वघोषणा पत्र की नई शर्त क्यों लगाई गई जबकि बिल तो व्यापारी देगा जिसकी सत्यता किसान कैसे पता लगा पाएगा?
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी सभी किसानों के साथ हर हाल में खड़ी है और अपील करती है कि आम आदमी पार्टी के सभी पदाधिकारी और वॉलंटियर इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में अपना पूर्ण सहयोग प्रेषित करें तथा किसान बागवान भी हिमाचल की भाजपा सरकार के षड्यंत्र और झूठे आश्वासनों से सावधान रहकर अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को तब तक जारी रखें जब तक उनकी हर मांग धरातल पर लागू नहीं हो जाती।
पहले भी केंद्र सरकार दिल्ली आंदोलन के समय लिखित में किए गए समझौते से मुकर चुकी है तो हिमाचल सरकार का किसान भरोसा क्यों और कैसे करें?
हम किसानों बागवानों को विश्वास दिलाते हैं की आम आदमी पार्टी पूरी दृढ़ता के साथ उनके साथ खड़ी है।