करोड़ों रुपए खर्च करके जश्न मनाया लेकिन सरकार की एक भी उपलब्धि नहीं बताई
पत्रकारों और अधिकारियों को मंच से धमकाने का नया चलन अपना रही है सरकार
एप्पल न्यूज, शिमला
शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो साल के कार्यकाल के जश्न मनाने में सरकार ने 25 करोड़ रुपए से ज़्यादा फूंक दिए। लेकिन बताने के लिए एक भी उपलब्धि सरकार के पास नहीं थी।
दो साल का कार्याकाल सरकार की नाकामियों का दस्तावेज है। मंच से जोर-जोर चिल्लाकर कहने से सच नहीं बदलता है। इसलिए अगर त्यागपत्र देने वाले मंत्री में नैतिकता बची है, तो वह इस्तीफा दे दें।
क्योंकि जिस समय वह मंच से चीख-चीख कर इस्तीफा देने का चैलेंज दे रहे थे उस समय तक भी एचआरटीसी के पेंशनर्स की पेंशन नहीं आई थी।
इसलिए उन्हें अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। यह कोई एक दिन की बात नहीं, प्रायः एचआरटीसी के रिटायर्ड कर्मचारी आंदोलन करते या आंदोलन करने की धमकी देते देखे जाते हैं।
इसका मतलब है कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। पिछले महीने भी एचआरटीसी के पेंशनर्स 12 नवम्बर को भी पेंशन जारी करने के लिए धरना दे रहे थे। अगर उनकी पेंशन रुकी नहीं थी तो वे लोग धरना क्यों दे रहे थे। चीख-चीख कर बोलने से सच नहीं बदल जाता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के प्रभारी द्वारा जिस तरह की अपमानजनक भाषा का उपयोग किया जा रहा है वह भारतीय जनता पार्टी सहन नहीं करेगी। कांग्रेस प्रभारी अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। इस समय सरकार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
उप मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि इस मामले पर मेरी सीएम से बात नहीं हुई लेकिन मैं यह कहता हूं, वह कहता हूँ। लगता है मंच पर ही मिल रहे थे बाक़ी मिलना कम हो पाता है। कांग्रेस जितने गुटों और धड़ों में बँटी है उसका जवाब नहीं।
मंच से लेकर रैली में हर नेता अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाह रहा था। ऊँची आवाज में और घटिया तरीक़े से बोलने का कंपीटिशन चल रहा था, इतना पैसा, समय और संसाधन खर्च करके पूरी सरकार ने सिर्फ़ विपक्ष को कोसने का ही काम किया।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री जी इस समय बहुत हताश और निराश हैं। वह जो कुछ भी आज कल बोल रहे हैं, वह उनकी कुंठा के कारण हैं। सरकार में उनकी स्थिति क्या है वह स्वयं जानते हैं।
वह पाँच साल नेता विपक्ष रहे और अब दो साल से उप मुख्यमंत्री होकर भी उनकी हालत विपक्ष जैसी है। इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मंच से अधिकारियों और पत्रकारों को धमकाने का चलन कांग्रेस में खत्म नहीं हो रहा है। आवाज उठाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने और कारण बताओ नोटिस देकर डराना चाहते हैं।
लेकिन उनकी धमकियों से प्रदेश के लोग डरने वाले नहीं हैं। पत्रकारों को खुलेआम मंचों से कहा जा रहा है कि आप समझ लो सरकार पूरे पाँच साल चलेगी। तो चलाकर दिखाओ न। पत्रकार थोड़े न आपकी सरकार चला रहे हैं।
लेकिन इस बयान के माध्यम से जो धमकी देने की कोशिश की जा रही है, उससे सरकार बाज आए तो बेहतर है, लोकतंत्र से प्रदेश चलेगा कांग्रेस की धमकियों से नहीं।
किसी की धमकी में इतना दम नहीं है कि वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की कलम को बर्बाद कर सकें, किसी पत्रकार का हाथ पकड़ सके।
सरकार चाहती हैं कि मीडिया सरकार की नाकामियों की चर्चा न करें उनका गुणगान करें, तानाशाही के दौर से ऐसी सोच वाले लोग बाहर आ जाएँ।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है, प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नेताओं में अपने आप को साबित करने की होड़ मची हुई है।
कल जो मंच पर हुआ उसे पूरे प्रदेश ने देखा। एक महिला जो पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं उन्हें बोलने से रोका गया, उन्हें रोकने की वजह यही रही होगी कि कहीं वह सरकार का स्वयं ही भंडाफोड़ न कर दें।
इसलिए उन्हें मंच पर ही अपना भाषण समाप्त करने के लिए पर्ची थमा दी गई। सरकार में लोगों के बोलने पर भी पहरा लगा दिया गया है।
जिस देश में स्वच्छ भारत मिशन पर हर साल हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हों। सरकार द्वारा 12 करोड़ से ज़्यादा घरों में शौचालय बनवाया गया हो, उस देश में पच्चीस रुपए हर टॉयलेट सीट के हिसाब से टैक्स लगाना घटिया कृत्य है।
दिल्ली के दबाव और सार्वजनिक थू थू होने के बाद सरकार ने भले ही वह टैक्स वापस ले लिया हो लेकिन मंत्री महोदय की वेबसाइट पर टॉयलेट टैक्स लगाने और उसे बैक डेट से वापस लेने के दस्तावेज अभी भी मौजूद हैं। टॉयलेट टैक्स के लागू होने की अधिसूचना 17 सितंबर 2024 की है।
अधिसूचना का नम्बर है No. JSV-B(C) 9-1/2024 Dated 21/09/2024। उसके 15 दिन बाद यानी 04 अक्टूबर 2024 को टॉयलेट टैक्स के वापस लेने की नोटिफिकेशन है।
उस नोटिफिकेश का नंबर है No. JSV-B(C) 9-1/2024 Dated 21/09/2024। अगर यह सब मंत्री जी को नहीं पता तो लगता है तो माननीय जी का मंत्रालय कोई और चला रहा है।
बसों में कूकर और हीटर का किराया लेने वाले युवाओं के टिकट सरकार के पास भी विभिन्न माध्यमों से पहुंच गए होंगे, सरकार चाही तो उसकी जांच करवा सकती हैं।
यह भी पता चला है कि जिस युवा से कूकर से का भी किराया वसूला गया है, वह दिव्यांग हैं। एक युवा छात्र तो दूसरा दिव्यांग, सरकार की संवेदनशीलता का यह स्तर है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इधर उधर की बात करने के बजाय सरकार को चाहिए कि वह विपक्ष के सवालों और उन पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब दे, क्योंकि महामहिम को सौंपे गए कच्चा चिट्ठा में सभी आरोपों को उचित कागजात के साथ दिया गया है।
सरकार को चाहिए कि वह आगे आकर उन मामलों की जांच करवाए और जो भी दोषी हैं उन्हें सजा दे नहीं तो यह माना जाएगा कि एसबी कुछ सरकार की शह पर ही हो रहा है।
सरकार विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों से भाग नहीं सकती है। उसे शराब घोटाला, खनन घोटाला, सोलर प्रोजेक्ट घोटाला, पीडब्ल्यूडी घोटाला समेत सभी घोटालों के बारे में जवाब देना होगा।