एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
वो मासूम बच्चे रोज सुबह तैयार होकर स्कूल कालेज के लिए निकलते जैसे नदी पार करने के लिए पुल के पास पहुंचते तो मानो इत्र की तरह बदबू उन्हें घेरने को हमेशा तैयार रहती। नाक मुंह भींचकर बमुश्किल वो इस रास्ते को पार करते।
लोगों से आग्रह करते कि यहां इस तरह खुले में कूड़ा कचरा न डाला करें। लेकिन वो पढ़े लिखे समझदार बुद्धिजीवी लोग इन बच्चों की कहाँ सुनने वाले थे, अपनी अखड़ में जो डूबे थे। कहाँ सुनने वाले थे।
लम्बा समय बीत गया। सतलुज नदी पर रामपुर बुशहर को जगातखाना से जोड़ने वाले पुल के नीचे गंदगी के ढेर लग गए। सर्दियां तो जैसे तैसे कट गई लेकिन गर्मी आते ही गन्दगी से निकलती बदबू और भिनभीनाती मक्खियां इन बच्चों को चिढ़ाने लगी। चलना फिरना भी मुश्किल हो गया।
बस अब बारी थी इन बच्चों की जिन्होंने थान लिया कि प्रशासन और जगातखाना के इन लोगों को प्यार से आईना दिखाया जाए।
यूनाइटेड यूथ एसोसिएशन के करीब 20 युवक युवतियों ने हाथों में स्लोगन लेकर जगातखाना पुल के आसपास क्षेत्रों में रैली निकालकर पहले लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया और लपगों से आग्रह किया कि यहां कूड़ा करकट न डालें। उसके बाद गंदगी के उस ढेर में कूद पड़े। देखते ही देखते बोरियों की बोरियां कचरे से भर गई और नदी का वो तट जिसे देखने भी लोगों को नहीं सुहाता था एक दम साफ सुथरा हो गया। करीब 300 किलोग्राम कचरा बोरियों में भर कर ठिकाने लगाने को ले गया।
लेकिन ये क्या जब ये सफाई अभियान चल रहा था तो कुछ तथाकथित पढ़े लिखे लोग गंवारों की तरह फिर वहीं कचरा गिराने लगे थे। उन्हें समझाया भी लेकिन वो कहाँ मानने वाले उनकी तो रोज की आदत है ऐसे कैसे छूटेगी।
फिर भी जो काम संस्था के इन बच्चों ने किया उसे सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी देखना चाहिए।
इनमें यूनाइटेड यूथ एसोसिएशन के इस क्लीन सतलुज अभियान के तहत प्रदेश को स्वच्छ बनाने के मकसद से इस अभियान में प्रधान नरोत्तम सिंह, उप प्रधान कृतिका गुरैक, सचिव मुकेश ठाकुर, कोषाध्यक्ष टोनी, प्रियंका, मधु शर्मा, शिवानी, ललित, किरण, रोहित, अंजली, जिंदल, जितेंद्र, शुभम, दीक्षिता सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
विडम्बना देखिए सतलुज नदी के इस पार रामपुर बुशहर में नगर परिषद की पूरी टीम सफाई के लिए हिआँ और उस पार पंचायत है। लोग वहीं जो आर पार आते जाते हैं लेकिन आदत बिल्कुल उलट।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी देखते नहीं उन्हें तो गर्मी से कार्यालय में राहत मिलती है। शिकायतें होती हैं तो उन्हें सिर्फ रफा दफा करना होता है बस।
मंगलवार को सर्वहितकारी व्यापार मंडल ने भी नगर निगम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जो केवल सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए था। तो निगम प्रशासन को सतुलज नदी के मुहानों पर पड़ा ये गन्दगी का ढेर क्यों नहीं दिखता। ये अपने आप में बड़ा सवाल है।