यह है मौज मस्ती की सरकार, आर्थिक कुप्रबंधन का शिकार हुई कांग्रेस सरकार
एप्पल न्यूज, शिमला
भारतीय जनता पार्टी विधायक नैना देवी एंव मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने शिमला में प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और सभी मंत्री अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हटते।
लेकिन सच्चाई यह है कि आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के माध्यम से प्रदेश का अलग-अलग किश्तों में 1782 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल की जनता से 252 करोड़ रूपये आपदा राहत कोष के नाम पर भी जमा किए, परन्तु अभी तक हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 1820 करोड़ रूपये ही खर्च किए है। केंद्र सरकार से आई राहत राशि और जनता से इकट्ठा किया गया धन भी पूरा खर्च नहीं कर पाई।
उन्होंने कहा कि 7 लाख रूपये मकान बनाने की घोषणा करने वालों ने अभीतक जनता को 3 लाख रूपये ही इस सरकार ने दिए, जिन लोगों की पूरी जमीन बर्बाद हो गई उनको नई जमीर देने का वायदा करके भी अभी तक किसी को जमीन नहीं दी।
किराये के मकान का किराया देने वालों के साथ वायदा करके किसी को कराया नहीं दिया जा रहा है और जो राहत राशि प्रभावितों को दी गई उसमें भी भाई-भतिजावाद और भ्रष्ट्राचार हो रहा है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने अपने इस कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में शुरू किए गए विकास कार्यों और प्रोजेक्टों में रोड़ा अटकाने का काम किया जा रहा हैं।
उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के प्रयास से कार्यरत भान्नुपली रेलवे निर्माणाधीन है।
केंद्र सरकार ने इस रेलवे निर्माण के लिए 4938 करोड़ रूपये खर्च किए हैं और ये रेलवे लाइन 75ः25 की औसत में काम करने के लिए प्रस्तावित हैं, इस रेलवे लाइन के लिए जमीन प्रदेश सरकार ने उपलब्ध करवानी है, लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में आई तब से अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है।
पिछली भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल की सरकार ने 800 करोड़ रूपये लगभग देनदारी अदा की थी, परंतु इस कांग्रेस सरकार के समय एक भी पैसा नहीं देने के कारण अब यह देनदारी 1243 करोड़ पहुँच गई है जिसके कारण केंद्र सरकार विचार कर रही है कि इस पर निर्माण कार्य आगे शुरू रखा जाए या नहीं रखा जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो भी जन कल्याणकारी योजनाएं विशेषकर गरीब लोगों का 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में हो ऐसी आयुष्मान योजना शुरू की गई जिसके हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 33 हजार लाभार्थी हैं।
इस योजना का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश ने देना है वह भी नहीं दिया है जिसके कारण आयुष्मान योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश की देनदारी 50 करोड़ के लगभग पहुँच गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पिछली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो आयुष्मान योजना को सप्लिमेंट करने के लिए जो हिमकेयर योजना चलाई थी जिसके प्रदेश में लगभग 8.5 लाख लाभार्थी हैं और जो समय-समय पर इसका लाभ उठाते हैं।
वो योजना प्रदेश सरकार ही चला रही है और उसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के व साथ लगते सीमावर्ती चंडीगढ़, पंजाब के कुल मिलाकर 292 स्वास्थ्य संस्थान पंजीकृत हैं पैनल्ड है।
कांग्रेस सरकार ने अपने इस कार्यकाल में हिमकेयर योजना का बजट भी पूरा नहीं दिया। जिसके कारण आज 249 स्वास्थ्य संस्थानों में 353 करोड़ की देनदारी हो गई, जिसके कारण कई स्वास्थ्य संस्थानों ने हिमकेयर कार्ड को मानना बंद कर दिया है जिसमें आईजीएमसी शिमला में 92 करोड़, टांडा मेडिकल कॉलेज में 107 करोड़, पीजीआइ चंडीगढ़ में 30 करोड़ रूपये की देनदारी प्रदेश की हो गई हैं। यह हिमाचल प्रदेश सरकार की 15 महीने की कारगुजारी है
विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि की एक भी किस्त नहीं दी जिसमें प्रत्येक विधायक को 50 लाख प्रति माह प्रति विधानसभा क्षेत्र पर ये किस्त दी जाती है।
उसका भी 34 करोड़ रूपये इस सरकार उन विधायकों को नहीं दिया। अभी तक 15 महीने में इस सरकार ने 21942 करोड़ रूपये का ऋण लेने के बाद भी अभी तक ये देनदारीयां बाकी है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने एक्साइज पॉलिसी में 40 प्रतिशत अधिक टैक्स लगाया है, मिल्क सेस के नाम पर 10 रूपये शराब की बोतल महंगी की, उससे 90 करोड़ से ज्यादा इकट्ठा किया व डीजल पर 7 रूपये लीटर स्टेट की तरफ से वैट लगाया, लेकिन करोड़ों रुपए वहाँ से आने के बावजूद भी ना तो प्रदेश में विकास के कार्य हो रहे हैं।
ना जनहित की योजनाएं चल रही है, न शुरू हुए संस्थान चला पा रहें है बल्कि इस सरकार ने 1500 संस्थानों को बंद करने का काम किया हैं और न ही केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में प्रदेश सरकार ने अपनी देनदारी दी।
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि यह वर्तमान कांग्रेस सरकार आर्थिक कुप्रबंधन का शिकार है। इस सरकार के समय भारी फाइनैंशल मिसमैनेजमेंट हो रही है जिसके कारण आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिला रहा हैं, विकास के कार्य ठप्प पड़े हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोग अपनी मौज मस्ती में व्यस्त है।