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मॉनसून सत्र के पहले ही दिन विपक्षी BJP का कानून व्यवस्था के मुद्दे पर “वाकआउट”, सरकार बोली -“विपक्ष का दिवालियापन”

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एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल विधानसभा में मंगलवार को मॉनसून सत्र की शुरूआत विपक्षी भाजपा के वाकआउट से हुई। विपक्षी भाजपा ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियम 67 के तहत लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने के विरोध में सदन से वाकआउट कर दिया। 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में शोकोद्गार के बाद कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस किया है और सरकार तुरंत सदन का सारा कामकाज रोककर प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करवाए।

उन्होंने बद्दी में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो गुटों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ, जिसमें एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, जबकि दो युवक अस्पताल में दाखिल हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कानून व्यवस्था आज प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन गई है और सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है।

कभी कोर्ट परिसर में गोलियां चलती है तो कभी बेरहमी से युवक की हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में ड्रग माफिया, खनन माफिया, कांट्रेक्ट माफिया और वन माफिया पूरी तरह से सक्रिय है। लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है।

इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने 25 पुलिस अफसरों को पुलिस मुख्यालय में केवल लीव रिजर्व बनाकर बिना काम के बिठा रखा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी अधिकांश पुलिस को विधायकों और सीपीएस की रखवाली के लिए पायलट और एस्कार्ट के रूप में लगा रखा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति पर सदन में तुरंत चर्चा की जाए। 

संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि भाजपा विधायकों ने नियम 130 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा दे रखी है। इसलिए इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा से कोई एतराज नहीं है। सत्र बहुत लंबा और हम चर्चा को कभी भी तैयार हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि नियम 67 बहुत एमरजेंसी के लिए है और बद्दी में घटी घटना इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि सदन की सारी कार्यवाही स्थगित कर इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए यह मुद्दा उठा रहा है। 

विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में आपराधिक मामलों में तीन गुणा बढ़ोतरी हुई है और सरकार कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। 

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इस मुद्दे पर व्यवस्था देते हुए कहा कि वह इस मामले को सत्र के दौरान बाद में चर्चा के लिए लाएंगे और फिलहाल वह विपक्ष के नियम 67 के तहत लाए गए चर्चा के नोटिस को रद्द कर रहे हैं। 

इसके बाद पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और हंगामा करने लगा। बाद में पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर बाहर चला गया। 

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