एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
शिमला जिला के रामपुर बुशहर उप मंडल के तहत नवगठित फुंजा ग्राम पंचायत प्रधान और लोगों में पंचायत घर निर्माण को ले कर उपजे विवाद से ग्राम सभा हंगामे का अड्डा बन गई है । गुटबाजी के चलते ग्राम सभा में कोई भी प्रस्ताव पास करना चुनौती बन गया है। बहुमत में ग्राम प्रधान के पक्ष में कम उपस्थिति रहने से ग्राम सभा में कोरम पूरा करना भी मुश्किल हुआ है।
ग्राम सभा बहुमत से जिस स्थान पर पंचायत घर निर्माण कराना चाहती है ,उस स्थान पर पंचायत प्रधान व् उन की टीम पंचायत घर बनाने के बिल्कुल हक में नहीं। ग्राम सभा में भी उपस्थित लोगो ने उन की बात को अनसुना करने पर कार्यवाही रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करने से मना कर दिया।
लोगो ने 2 अक्टूबर की ग्राम सभा में प्रधान की अनुपस्थिति में पास हुए प्रस्ताव को पंचायत कारवाही रजिस्टर में दर्ज न करने विरोध जताया । लोगो ने पहले पिछली कारवाही को दर्ज कर उस के बाद आगे दूसरे एजंडे पर चर्चा की मांग रखी । जिस से पंचायत प्रधान ने ग्राम सभा को कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित कर दिया।
पूर्व जिला परिषद सदस्य बिहारीसेवगी ने बताया कि 2 अक्टूबर की बैठक में पंचायत प्रधान बीच में बैठक छोड़कर चले गए। उसके बाद नियमानुसार पंच की अध्यक्षता में ग्राम सभा ने पंचायत घर निर्माण के लिए भूमि चयनित किया। लेकिन पंचायत ने उस प्रस्ताव को कार्रवाई में दर्ज नहीं किया है। पंचायत प्रधान नहीं चाहते कि पंचायत घर लोग जहां चाहे रहे है वहां बने।
फुंजा निवासी के आर धीमान, प्रेम शर्मा और नवीन ने बताया कि पंचायत घर निर्माण को लेकर विवाद काफी है। पंचायत प्रधान ने पहले बताया था कि भूमि ग्रामीण
चयनित करें उसी हिसाब से लोगों ने भूमि चयन किया। लेकिन इसी बीच किसी व्यक्ति से भूमि लेकर उसको पंचायत के नाम करा दिया गया, और प्रधान अपनी इच्छा से भवन वहां बनाना चाहते है। उन्होंने कहा अगर इसी तरह का झगड़ा चलता रहा पंचायत में तरकी होना संभव नहीं और आपसी विवाद के चलते दुश्मनी
और बढ़ जाएगी। लोग चाहते हैं कि जहां ज्यादा जमीन है वहां पर पंचायत भवन का निर्माण हो। इसलिए पंचायत प्रधान को चाहिए कि वह निष्पक्षता से काम करें।
विवाद खड़ा करना चाहते है। जब भी आते हैं इनका एक ही लक्ष्य रहता है कि ना तो काम करने देना है और ना ही कोई विकासात्मक कार्यो को ले कर चर्चा हो। उन्होंने बताया की पंचायत घर मसले को प्रतिष्ठा से जोड़ कर लोग उलझन पैदा कर रहे है। जबकि पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार पंचायत घर के लिए किसी व्यक्ति ने भूमि दान में दी है। खंड विकास कार्यालय ने भूमि को हस्तांतरित भी किया है। लेकिन लोगो ऐसी उलझने पैदा कर पंचायत के विकास में बाधक बन रहे है।