IMG_20250414_113426
IMG_20250414_113426
previous arrow
next arrow

उद्योगों के पीछे क्यों पड़ी है सरकार, CM सुक्खू साफ़ करें अपनी मंशा- जयराम

एप्पल न्यूज, शिमला

नेता प्रतिपक्ष जायराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में सुक्खू सरकार की उद्योगों को परेशान करने की नीति की निंदा करते हुए कहा कि सत्ता में आने के दिन से ही सरकार प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को टारगेट कर रही है।

उद्योगपतियों को डरा-धमका रही है। अपनी नीतियों से उन्हें परेशान कर रही है। ऐसे-ऐसे निर्णय भी कर रही है जो पूरी तरह से असंवैधानिक हैं और हाईकोर्ट उन्हें पलट भी रही है।

सुक्खू सरकार के मंत्रियों और स्वयं मुख्यमंत्री को भी इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी मंशा क्या है? इसके पीछे उद्योगों पर किसी प्रकार का दबाव बनाना तो नहीं है।

किसी तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना तो नहीं है। इस तरह के कृत्यों से न तो प्रदेश का भला है और न ही प्रदेश के लोगों का भला होने वाला है।

आज सरकार ने उद्योगों को इस स्थिति में ला दिया है कि वह शट डाउन करके अपना विरोध दर्ज करवाने की योजना बना रहे हैं।

शट डाउन के कारण प्रदेश की आर्थिकी को होने वाले नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा? शट डाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के नुकसान की भरपाई कई करेगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आते ही प्रदेश की आर्थिकी में सहयोग देने वाले और रोजगार देने वाले उद्योग धंधे सरकार का पहला निशाना बने।

सबसे पहले सरकार समर्थित माफियाओं ने उद्योगों को डराना धमकाना शुरू किया। जिसके कारण कई उद्योगों ने बाहर का रास्ता नाप लिया। जो।

बड़े संस्थान थे और वह अचानक उठ कर नहीं जा सकते थे उन्होंने उद्योग मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की लेकिन कुछ नहीं हुआ तो उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री को इसकी लिखित में शिकायत की।

सुरक्षा न दिए जाने पर उद्योगों ने पलायन करने का अल्टीमेटम भी दिया। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में जिस तरह की अपराधिक घटनाएं हुई वह हिमाचल के इतिहास में नहीं हुई।

हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली आपराधिक घटनाएं महज इत्तेफाक हैं या सत्ता संरक्षण में होने वाला प्रयोग इसे भी  सरकार को प्रदेश के लोगों बताना चाहिए।  

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि माफिया के दबाव के बाद उद्योगों पर सरकारी नीतियों का दबाव डाला जा रहा हैं। सरकार द्वारा बिजली के दाम बढ़ा दिए गए। सेस को असंवैधानिक तरीके से बढ़ा दिया गया। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।

हाई कोर्ट ने सेस को बढ़ाने को असंवैधानिक बता दिया तो उद्योगों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छीन ली।  बिजली-पानी के दाम बढ़ाए गए। जिससे हालत और खराब हुए।

सरकार इस तरह से उद्योगों को परेशान करके प्रदेश के की आर्थिकी को क्यों चोट पहुंचा रही है। क्या हिमाचल ही उद्योगों के साथ रियासत कर रहा है?

उद्योगों के साथ पूरी दुनिया में विभिन स्तर पर रियायत दी जाती है, जिससे औद्योगीकरण को गति मिले। जो प्रोत्साहन सरकार उद्योगों को देती है, उससे ज़्यादा उद्योगों से वापस भी मिलता है।

प्रदेश की आर्थिकी सुधरती है। विकास बढ़ता हैं। प्रत्यक्ष रोजगार के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार में भारी वृद्धि होती है।

प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान पहुँचाने के पैंतरे से सरकार को बाज आए और उद्योगों को अनावश्यक परेशान करना बंद करे। उद्योग प्रदेश की आर्थिकी को समृद्ध करने का साधन हैं, सरकार में बैठे नेताओं के हितों का संरक्षण करने का नहीं।

Share from A4appleNews:

Next Post

रामपुर परियोजना द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के तहत GSSS रंदल में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित, 10 वीं की अंकिता प्रथम

Tue Sep 24 , 2024
एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहरस्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के अंतर्गत आज दिनांक 24.09.2024 को रामपुर एचपीएस द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, रंदल में “स्वभाव स्वच्छता, सस्कार स्वच्छता विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया I प्रतियोगिता में कक्षा 6वीं, 7वीं, 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं तक के […]

You May Like

Breaking News