file_00000000784861f8b70cfecce65018fe (1)
IMG-20250716-WA0010
previous arrow
next arrow

प्रेमी पुलिस जवान ने निशा को दिया था नहर में धक्का, पहले से था शादीशुदा- गिरफ्तार, निशा के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
file_000000006e746230a2a51781dd51f8fa
IMG-20250716-WA0012
IMG-20250716-WA0011
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज, मंडी/रोपड़

22 वर्षीय निशा सोनी की हत्या की यह घटना अत्यंत दुखद और समाज को झकझोरने वाली है। हिमाचल प्रदेश के जोगिंद्रनगर की इस युवती की मौत ने न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल दिया है।

रोपड़ पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि निशा की हत्या उसके प्रेमी, जो कि एक 33 वर्षीय पुलिस कर्मी है, ने की थी। आरोपी, जो पहले से शादीशुदा है, ने अपने विवाहेतर संबंध को छिपाने के लिए यह जघन्य अपराध किया।

निशा का शव पटियाला नहर से मिला, जो इस घटना की भयावहता को और बढ़ाता है। निशा, जो चंडीगढ़ में एयर होस्टेस की ट्रेनिंग कर रही थी, कुछ दिनों पहले ही घर आई थी। जब वह सोमवार को चंडीगढ़ लौट रही थी, तब उसने अपने प्रेमी से मिलने का निर्णय लिया।

बताया जा रहा है कि निशा की बहन ने उसके प्रेमी के साथ फोन पर बातचीत सुनी थी और निशा बाद में आरोपी से मिलने गई। यही मुलाकात उसकी जिंदगी की आखिरी साबित हुई।

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह पुष्टि की कि निशा को आखिरी बार आरोपी के साथ देखा गया था। इसके बाद आरोपी ने उसे नहर तक ले जाकर मौत के घाट उतार दिया।

इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और रिश्तों में विश्वास पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। निशा का परिवार गहरे शोक में है, और क्षेत्र में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों और परिजनों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की जान का नुकसान नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि समाज में किस प्रकार की मानसिकता पनप रही है, जो प्रेम और विश्वास का गला घोंटकर हिंसा और अपराध को जन्म देती है।

इस मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि आरोपी एक पुलिस कर्मी था, जिसका कर्तव्य समाज की सुरक्षा करना है। लेकिन उसी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

इससे यह भी स्पष्ट होता है कि महिलाओं के प्रति हिंसा सिर्फ किसी विशेष वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक समस्या है।

समाज के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि रिश्तों में पारदर्शिता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। युवाओं को शिक्षित और जागरूक करना होगा ताकि वे अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकें।

साथ ही, सरकार और कानून-व्यवस्था तंत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को जल्द और सख्त सजा दी जाए, ताकि समाज में एक उदाहरण स्थापित हो।

निशा सोनी की मृत्यु एक बड़ा नुकसान है, जिसे कोई नहीं भर सकता। लेकिन इस घटना से हम सभी को सीख लेनी चाहिए और ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जहां महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता दी जाए।

निशा के परिवार और क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, न्याय प्रणाली को तेजी से कार्यवाही करनी चाहिए। निशा के लिए न्याय ही उसके परिवार को कुछ हद तक सुकून प्रदान कर सकता है।

निशा के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

यह घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और पुलिस की जिम्मेदारी पर बड़े सवाल खड़े करती है। निशा, जो एक महत्वाकांक्षी युवती थी और एयरहोस्टेस बनने का सपना देख रही थी, की इस तरह से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत न केवल उसके परिवार को गहरे दुख में डालती है, बल्कि हमारे समाज को भी आत्ममंथन के लिए मजबूर करती है।

घटना की गंभीरता

निशा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। उनका कहना है कि आरोपी ने पहले मोबाइल फोन पर धमकाया, फिर योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया। इतना ही नहीं, निशा के गहने और मोबाइल फोन भी छीन लिए गए और साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए गए। यह स्पष्ट रूप से एक पूर्व-नियोजित अपराध को दर्शाता है।

इस घटना में और भी चिंताजनक बात यह है कि इसमें एक पुलिसकर्मी पर भी संलिप्तता का आरोप लगाया गया है। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह कानून के रखवालों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

परिवार की स्थिति

निशा के परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है। बेटी को इस तरह खोने के बाद माता-पिता और बहन पर जो मानसिक और भावनात्मक आघात हुआ है, वह शब्दों से परे है। परिजनों ने बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष शुरू किया है। उनके आरोपों के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने शुरू में मामले को दबाने का प्रयास किया, जो न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि न्याय प्रक्रिया में रुकावट डालने जैसा भी है।

महिला सुरक्षा का प्रश्न

यह घटना महिला सुरक्षा के सवाल को और अधिक गंभीर बनाती है। आए दिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। निशा जैसी होनहार युवती, जो अपने करियर को लेकर उत्साहित थी, को इस तरह से अपनी जान गंवानी पड़ी। महिलाओं को ब्लैकमेल करना, धमकी देना और उनके साथ हिंसा करना यह दिखाता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए हमारे पास मजबूत तंत्र की कमी है।

पुलिस की भूमिका और न्याय की मांग

पिता हंसराज ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उसे दबाने की कोशिश की। अगर ऐसा हुआ है, तो यह कानून व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास को कमजोर करता है। इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है। परिजनों की मांग है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

यह केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि अगर न्याय व्यवस्था सख्त और प्रभावी नहीं हुई, तो ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा।

सामाजिक जिम्मेदारी

यह घटना हमें बताती है कि समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को केवल कानून का मामला समझकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाए और पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हो।

निष्कर्ष

निशा की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, यह हमारे समाज की विफलता का प्रतीक है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा देना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे अपराध करने वालों को सख्त संदेश मिल सके। इस मामले को केवल व्यक्तिगत न्याय तक सीमित न रखकर महिलाओं की सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।

Share from A4appleNews:

Next Post

राज्यपाल ने ‘यंग अचीवर्स अवार्ड’ से नवाजे युवा, नशे के विरूद्ध अभियान में एकजुट होकर काम करने पर बल दिया

Fri Jan 24 , 2025
एप्पल न्यूज, शिमला राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि नशे के खिलाफ अभियान में सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज के सभी वर्गोंं से नशे को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने पर बल दिया। वह यहां अमर उजाला समाचार-पत्र समूह द्वारा आयोजित […]

You May Like

Breaking News