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झूठ बोलना छोड़, हिमाचली होने का धर्म निभाएँ नड्डा, आपदा प्रभावितों को एक पैसे की भी विशेष सहायता नहीं दी- कांग्रेस

एप्पल न्यूज, शिमला

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को झूठ बोलना छोड़कर उन्हें हिमाचली होने का धर्म निभाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा को झूठ बोल कर देवभूमि हिमाचल प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि पिछले बीस माह के कार्यकाल में वर्तमान कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है और यह सच प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है।

दोनों ने कहा कि बेशक जगत प्रकाश नड्डा राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हिमाचल उनका घर है।

इसलिए उन्हें केंद्र सरकार के साथ हिमाचल प्रदेश के हितों की मजबूती के साथ पैरवी करनी चाहिए और राज्य के लोगों को उनका हक दिलवाने में मदद करनी चाहिए।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि पिछले वर्ष आपदा से राहत के प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज देकर फिर से बसाया है, जबकि अभी भी आपदा के केंद्र सरकार के पास राज्य के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम लंबित है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार के पास एनपीएस के फंसे 9200 करोड़ रुपए और बीबीएमबी एरियर के 4500 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश को दिलाने में भी उन्हें हिमाचल प्रदेश की मदद करनी चाहिए।
श्री शांडिल और श्री धर्माणी ने कहा कि आपदा के लिए केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को एक पैसे की भी विशेष मदद नहीं मिली और नड्डा प्रदेश की जनता के सामने गलत आकंड़े प्रस्तुत कर रहे हैं।

जो धनराशि केंद्र ने दी है, वह देश के सभी राज्यों को केंद्र सरकार से मिलने वाला वार्षिक हक है तथा आपदा का इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा नहीं आती, तब भी यह धनराशि हिमाचल प्रदेश को मिलनी ही थी।

हिमाचल प्रदेश देश के संघीय ढाँचे का हिस्सा है, इसलिए केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता राज्य के लोगों के हक है।

उन्होंने कहा कि जो पैसा केंद्र सरकार से आर्थिक मदद के रूप में मिलता है, उसकी एक-एक पाई का हिसाब राज्य सरकार के पास है। जगत प्रकाश नड्डा जब भी चाहें, राज्य सरकार उन्हें हिसाब देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में वंचित और पिछड़े वर्गों की सेवा के लिए अनेक योजनाओं की शुरुआत की है। जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते थे, वर्तमान राज्य सरकार उस वर्ग की भी आवाज बनी है।

अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना लागू की। विधवा और एकल महिलाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार उठा रही है।

साथ ही, उन्हें घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए तथा सफाई कर्मियों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।
मंत्रियों ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए दूध पर न्यूतमत समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है।

राज्य में गाय का दूध 45 रुपए प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेंहू को 40 रुपए तथा मक्की को 30 रुपए प्रति किलो समर्थन मूल्य भी तय किया है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जिसके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने कोई योजना न बनाई हो। इसलिए भाजपा नेताओं को सोच समझ कर बयानबाजी करनी चाहिए।

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