एप्पल न्यूज़, रोहड़ू
शिमला जिला के लाल बहादुर शास्त्री राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सरस्वतीनगर (सावड़ा) और हिमालय साहित्य संस्कृति और पर्यावरण मंच के सह आयोजन के तहत साहित्य संवाद व कविता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ कहानी और कविता पर बहुत सार्थक सम्वाद हुआ जिसमें बच्चों सहित 30 लेखकों ने भागीदारी की।
कार्यक्रम का आगाज़ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य, पीपी चौहान जी द्वारा मुख्य अतिथि को हिमाचली टोपी पहना कर उनका सम्मान किया गया। उन्होंने स्वागत सम्बोधन में हिमालय मंच का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी बच्चों की रचनात्मकता के लिए होते रहने चाहिए।
इस आयोजन में कॉलेज के छात्र प्रतिभागियों में वर्षा, वनिता, उर्मिला, साक्षी, माधुरी, अमित, विपुल, भूपेंद्र, रविकान्त, रा. व. मा. वि. झड़ग नकराड़ी की छात्रा टीना बंटा ने आलेख व कविता पाठ कर अतिथि लेखकों व उपस्थित दर्शकों के मध्य खूब वाहवाही लूटी। कॉलेज की शिक्षिका डॉ. पूनम मेहता ने कविता \’पुलकित हो उठा मेरा मन\’ पढ़ी।
कहानी सत्र की शुरुआत देविना अक्षयवर के कहानी पाठ से हुई। इसके पश्चात आयोजकों तथा बच्चों के आग्रह पर कहानी \’आभी\’ का पाठ हुआ और उस पर बच्चों से बातचीत भी की गई। डॉ. निर्मला चौहान ने आभी कहानी पर अपनी समीक्षा पढ़ी।
आयोजन का दूसरा सत्र कविता पाठ और कविता कार्यशाला के रूप में था जिसमें शिमला से आये कवियों कुल राजीव पंत, आत्मा रंजन, धनंजय सुमन, सतीश रतन, स्नेहलता नेगी, वंदना राणा, दीप्ति सारस्वत, इंदु वैद्य, कल्पना गांगटा, अभिषेक तिवारी, कुलदीप गर्ग \’तरुण\’, नरेश देयोग, कौशल मुंगटा और रीना भारद्वाज ने अपनी अपनी कविताएं, ग़ज़ल व लघुकथा सुनाकर सभागार में उपस्थित दर्शकों में समा बांध दिया। कविता संवाद में चर्चित कवि आत्मा रंजन ने स्रोतविद (resource person) के रूप में विद्यार्थियों से कविता लेखन की बारीकियां जिज्ञासु विद्यार्थियों के साथ साझा की। उन्होंने कविता विधा में नवोदित कवियों के लिए अत्यंत उपयोगी और सार्थक बातें की।
इसके बाद की लोकगीत/लोकनृत्य प्रस्तुति ने लेखकों का मन मोह लिया। डॉ. निर्मला चौहान जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस साहित्य सम्वाद के सूत्रधार राजेश अचल और प्रभुदयाल वर्मा रहे जिनकी वजह से यह आयोजन अत्यंत भव्य बन पड़ा और इसका संयोजन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पी. पी. चौहान और डॉ. निर्मला चौहान, सह-आचार्य, हिंदी विभाग ने अपने सहयोगी शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ बहुत सफलतापूर्वक किया।
मंच संचालन रिपन शर्मा, सहायक प्राध्यापक संस्कृत ने बखूबी निभाया।