एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार हर घर द्वार तक प्रत्येक नागरिक को बेहतर एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। कोरोना काल के दौरान प्रथम पंक्ति स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में स्वास्थ्य विभाग में तैनात आशा कार्यकर्त्ता प्रशंसनीय कार्य कर रहीं हैं।
प्रदेश सरकार ने गत मार्च माह से जून तक उन्हें एक हज़ार रुपए प्रति माह प्रोत्साहन मानदेय देने का निर्णय लिया था और चन्द रोज पूर्व ही इस राशि को अगामी दो माह यानि जुलाई एंव अगस्त, 2020 में बढ़ा कर रू0 2000/- प्रति माह किया गया। प्रदेश के सभी ज़िलों की आशा कार्यकर्ताओं के साथ सीधे वेब कास्ट के माध्यम से संवाद के दौरान बात करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश की सभी आशा को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन वितरण का शुभारम्भ किया।
उन्होंने बताया कि इन स्मार्ट फोन के उपयोग से आशा अपने कार्य को और अधिक स्मार्ट बना सकती हैं, यानि स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और स्वास्थ्य सेवा उपभोक्ता के दर्मयान ये स्मार्ट फोन एक सक्षम कड़ी के रूप में कार्य करेगा । जहां ये फोन अपने क्षेत्र में आने वाले जनसाधारण को बेहतर व त्वरित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में उपयोगी होंगे, वहीं ये प्रदेश की आशा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया अभियान में शुमार करते हुए अपनी कार्यकुशलता को और अधिक सुनियोजित करने में सक्षम होंगे।
आशाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड -19 महामारी में प्रदेश सरकार द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में हर घर द्वार तक प्रत्येक प्रदेशवासी के स्वास्थ्य की जानकारी एकत्र करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है | हिमाचल प्रदेश द्वारा चलाये गए इस अभियान की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भी की गयी है और इसे अन्य राज्यों को भी अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना पर बात करते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में कोरोना के अधिकांश मामले बहारी राज्यों से आने वालों के हैं , यद्यपि मानवीय दृष्टिकोण से अपने प्रदेश के लोगों को अपने घर पर लाना हमारा कर्तव्य और अनिवार्य भी था | ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों को होम क्व़ारिंटिन और संस्थागत क्व़ारिंटिन में रखने पर उन्हें और उनके परिवारजनों को संक्रमण से बचाने तथा जागरूक कर उनके साथ सामंजस्य स्थापित करने में हमारी आशा कार्यकर्त्ता अग्रणी रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोरोना का कम्युनिटी में संक्रमण नहीं हुआ है , जिसके लिए सभी कोरोना योद्धा बधाई के पात्र हैं | हमारे कोरोना वारियर्स इस स्थिति को बुद्धिमता और सहजता से ले रहें हैं , जिससे कि आम जनमानस में भय और भ्रम नहीं रहा है।
इससे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी.धीमान ने बताया कि आशा कार्यक्रम राज्य में वर्ष 2014 में शुरू किया गया था। प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी और सुविधाएँ घर द्वार तक पहुंचाने के लिए प्रदेश की सभी पंचायतों में आशा की तैनाती की गयी है। ये आशा अपने क्षेत्र में मातृ –शिशु सुरक्षा , पोषण , टीकाकरण , टी.बी. नियंत्रण , परिवार कल्याण सेवाएं व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त वैश्विक स्वास्थ्य आपदा कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।
टी.बी. नियंत्रण कार्यक्रम के लिए हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुया है , जिसमें हमारी आशा कार्यकर्ताओं का प्रशंसनीय योगदान रहा है | उन्होंने जानकारी देते हुये बताया कि आशा को उपलब्ध करवाएं जा रहे स्मार्ट फोन पूर्णतः स्वदेशी हैं और ये फोन एल.जी. कम्पनी द्वारा निर्मित है, जिनकी कुल संख्या 7830 है और प्रति फोन की कीमत 8650/- रुपए है।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय, शिमला के सभागार में आयोजित इस संक्षिप्त समारोह का बखूबी सञ्चालन डॉ. निपुण जिंदल , विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , हि.प्र. ने करते हुए स्मार्ट फोन वितरण की विभागीय उपयोगिता और आशा की स्वास्थ्य कार्यक्रम में भूमिका बारे अवगत करवाया और सभी आशा से उम्मीद जताई कि वे सभी “सर्वे भवंतु सुखिनः-सर्वे संतु निरामया” के ध्येय को प्राप्त करते हुए एक स्वस्थ राष्ट्र के निमार्ण में अपना सहयोग देंगी।
इस अवसर पर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. बी.बी. कटोच, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसन्धान डॉ. रवि शर्मा , उप मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , हि.प्र. डॉ. गोपाल बेरी , ओ.एस.डी. डॉ.गगन ढिल्लो के अतिरिक्त अन्य विभागीय अधिकारियों –कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य खंड मशोबरा , ज़िला शिमला की आशा और बेब कास्ट के माध्यम से अन्य ज़िलों की आशा उपस्थित रहीं |