एप्पल न्यूज़, दिग्विजय रामपुर बुशहर
ऐतिहासिक फ़ाग मेले के लिए रामपुर बुशहर में देव समागम का अनुठा संगम देखने को मिल रहा है। इस वर्ष समूचे क्षेत्र से 21 देवी देवता शामिल हुए हैं जिनमें से देवता दरकाली करीब 70 साल तो देवता दोगणु लालसा करीब 65 साल बाद पधारे हैं।
देवताओं का स्वागत नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष सहित समस्त पदाधिकारियों ने फूल मालाओं के साथ किया।
सुबह से ही देवताओं का आना जाती रहा जो दोपहर बाद तक जारी रहा।
यूं, बीती शाम होली मनाने के लिए देवता जाख रचोली के साथ गद्दी के देवता दत्तात्रेय बसाहरु और गसो देवता राज दरबार पहुंचे जहां रंगों के साथ उनका स्वागत हुआ।
इसी बीच प्रौढ़ पर फ़ाग जलाने और धूर लगाने को लेकर कुछ विवाद हुआ जिसके बाद देवता बसाहरु और गसो रुष्ट होकर वापस अपने मंदिर लौट गए थे।
शनिवार सुबह कंवर सहित नगर परिषद व मेला कमेटी के पदाधिकारी दोनों देवताओं को मनाने गए। राजा विक्रमादित्य सिंह से भी बातचीत की गई और विवाद को सुलझाने के लिए सहमति के बाद दोनों देवता दोपहर बाद मेले में लौट आये।
साज बाज के साथ देवलु गाते बजाते हुए राजमहल पहुंचे जहां बाद में नाटी लगाई गई। वहीं अपने इष्ट देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए उमड़े रहे।
मेले को लेकर राजमहल के प्रबंधक रामआसरे ठाकुर ने कहा कि यह मेला हमारी धार्मिक आस्था और परम्परा का प्रतीक है और देव परम्परा के अनुसार ही इसका आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से भी इस मेले में बढ़चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया।