दोनों पक्षों में नोकझोंक के बाद मुख्यमंत्री बोलते रहे, विपक्ष करता रहा वैल में नारेबाज़ी
एप्पल न्यूज़, शिमला
विधानसभा मॉनसून सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को 67 स्थगन प्रस्ताव की चर्चा पर जबाब देने के लिए इजाज़त दी। लेकिन विपक्ष फ़िर कल वाली चार सदस्यों को बोलने की मांग पर अड़ गया। यहां तक कि विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर उनकी आवाज़ दबाने का आरोप लगाया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब अधिकतर सदस्य बोल चुके है तो फ़िर विपक्ष को अड़ रहा है।
इस पर भी विपक्ष अपने 4 सदस्यों को बोलने का मौका देने पर अड़ा रहा। इस बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि पहले मंगलवार 3 बजे तक चर्चा तय हुई थी। उसके बाद 5 बजे तक सदन को बढ़ाया गया। अब विपक्ष क्योँ शोर शराबा कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने भी यही कहा कि विपक्ष की सहमति से ही चर्चा का समय तय हुआ। सदन में विपक्ष की हर बात को माना, 6 घण्टे से ज्यादा दो दिन तक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है। अब मुख्यमंत्री चर्चा का जबाब देंगे।
इस पर भी विपक्ष नही माना और सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष ने मांग उठाई की विपक्ष के 4 सदस्यों को 5-5मिनट बोलने का मौका दिया जाए। विपक्ष ने नारा लगाया कि \”लोकतंत्र की हत्या बन्द करो, चर्चा का प्रबंध करो\”।
विपक्ष की नारेबाज़ी के बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने मुख्यमंत्री को चर्चा का जबाब देने की इजाज़त दे दी। मुख्यमंत्री बोलने के लिए खड़े हुए तो नाराज़ विपक्ष के सभी सदस्य स्पीकर की वेल में आकर नारेबाज़ी करने लगें। सत्ता की तरफ़ से मुख्यमंत्री बोलते रहे जबकि विपक्ष की नारेबाज़ी जारी रही। यहां तक विपक्ष के सदस्यों वेल में बैठकर नारेबाजी करने लगे। सदस्य पीपीई किट घोटाले, सरकार की तानाशाही, हो गया जय राम तेरा काम कुर्सी छोड़ो करो आराम, कारोना काल में घपले जैसे नारेबाज़ी लगाते रहे। मुख्यमंत्री डेढ़ घण्टे बोलते रहे विपक्ष वेल में नारेबाज़ी करता रहा मुख्यमंत्री ने अपना जबाब पूरा किया व विपक्ष को प्रस्ताव वापिस लेने की बात की इसी नाराज़गी में विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
विपक्ष के रवैये से नाखुश मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार नियम 67 के तहत कारोना को लेकर चर्चा दी। विपक्ष से उम्मीद थी कि उनकी तरफ से कोई सुझाब आएगा लेकिन दुर्भाग्य है विपक्ष के पास कोई मुद्दा नही है कांग्रेस नेतृत्वहीन है इसलिए वेवजह हुहल्ला किया है। विपक्ष को सदन में बोलने का पूरा मौका दिया गया। अढ़ाई दिन तक स्थगन प्रस्ताव की चर्चा में विपक्ष के13 सदस्यों ने भाग लिया। बाबजुद इसके विपक्ष खुश नही था ओर सदन में हल्ला कर वाकआउट कर दिया।