एप्पल न्यूज़, शिमला
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, अमरतारा कॉटेज, शिमला के शोधफार्म ढांडा, शिमला में सावग एवं पट्टी बडोग गॉव,जिला सोलन के 35 किसानों के लिए “शीतोष्ण फलों की बागवानी प्रशिक्षण एंव कार्यक्रम” विषय पर नाबार्ड एंव अंबूजा सिमेंट फाउडेशन के सौजन्य से दो-दिवसीय (18 -19 मार्च 2021) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह 19 मार्च को आयोजित किया गया जिसमे मुख्य अतिथि डॉ॰ कल्लोल प्रामाणिक, अध्यक्ष,भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, अमरतारा कॉटेज, शिमला ने की ।
डॉ॰ प्रामाणिक ने जलवायु परिवर्तन की समस्या को सुलझाने व खेती में विविधिकरण का महत्व बताया एंव इस प्रशिक्षण से लाभ उठाने की मांग की। इसके साथ साथ उन्होने जैविक खेती तथा नयी बगीचे मे किन किन चीज़ों पर ध्यान देना चाहिये उसके बारे में विस्तार से बताया ।
इस अवसर पर ढांडा शोधफार्म के इंचार्ज एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ॰ ए.के. शुक्ला के दवारा ग्राफ्टिंग, प्रुनिंग, ट्रानिंग तथा कम्पोस्ट खाद, केचुआ खाद बनाने की विधि और बगीचे में खाद डालने के प्रक्रिया के बारे में बताया ।
वैज्ञानिक डॉ॰ संतोष वाटपाडे ने सेब, अनार एवं कीवी में लगने वाली बिमारी/कीट की पह्चान एंव एकीकृत प्रबंधन के बारे में विस्तार में जानकारी दी जैसे कि तथा कीटनाशकों तथा अन्य प्रकार की स्प्रे के बारे में बताया |
किसानों को कटिंग, ग्रफ्तिंग, प्रुनिंग, ट्रानिंग तथा केचुआ खाद बनाने की विधि और बगीचे में खाद डालने के प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण दिया गया ।