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राजा वीरभद्र सिंह की अस्थियां हरिद्वार सहित 75 स्थानों पर विसर्जित, सुधीर, मंगलेट व पदम् ने पिता तुल्य मान सिर मुडाये

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विक्रमादित्य सिंह के चचेरे भाई रिपु दमन कंवर ने गंगा नदी में प्रवाहित की राजा वीरभद्र सिंह की अस्थियाँ

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री महानायक स्व. वीरभद्र सिंह की अस्थियों को हरिद्वार में शनिवार को गंगा में विसर्जित कर दिया।
 विक्रमादित्य सिंह के चचेरे भाई रिपु दमन कंवर ने हरिद्वार में विधिपूर्वक पूजा अर्चना के बाद सुबह करीब साढ़े आठ बजे अस्थियों को गंगा जल में प्रवाहित किया। जबकि विक्रमदित्य सिंह रामपुर बुशहर में ही क्रिया कर्म और अन्य विधियां पूरी कर स्व वीरभद्र सिंह की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।


हरिद्वार में रिपू दमन कंवर के साथ पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट, सुशांत कपरेट, तारा चंद ठाकुर और संजय ठाकुर सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।
इस दौरान रिपू दमन के साथ ही पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा और सुभाष मंगलेट ने भी अपने सिर मुंडवा लिया। दोनों नेता स्व वीरभद्र सिंह को अपने पिता समान मानते थे और राजनीतिक गुरु के रूप में भी हमेशा उनके साथ रहते थे।


वहीं दूसरी ओर सुबह दस बजे के बाद पूरे प्रदेश में सभी 72 ब्लॉक में स्व वीरभद्र सिंह की अस्थियों को विभिन्न नदियों पवित्र स्थलों पर प्रवाहित किया गया। प्रदेश भर के कनग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए अर्चना की।

गौर हो कि बीती 8 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का आईजीएमसी शिमला में निधन हो गया था। 9 जुलाई को उनका शव गृहक्षेत्र पदम पैलेस रामपुर बुशहर ले जाया गया था। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए भारी संख्या में कांग्टर्स व अन्य दलों के नेता कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। 10 जुलाई को वीरभद्र सिंह को अंतिम विदाई दी गई।


विक्रमादित्य सिंह ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। जिसके बाद वीरभद्र सिंह की अस्थियों को 75 कलश में रखा गया था। उन के अंतिम दर्शन के लिए कनग्रेस ने 72 ब्लॉक में अस्थिकलश भेजे। जबकि एक कलश हरिद्वार, एक सराहन और एक कलश को शिमला के होलिलॉज स्थित आवास ले जाया गया जहां उन्हें भूमि में स्थान दिया गया।

प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों, संगम स्थलों और पवित्र स्थानों पर उन्हें प्रवाहित किया गया। इस तरह जन जन के नेता हर दिल अजीज पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह की अस्थियों को प्रदेश के कण कण में समाहित किया गया।

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