IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

SJVN ने 2020-21 में अर्जित किया अब तक का सर्वाधिक 2168.67 करोड़ रुपए का लाभ, 2040 तक 25 हजार मेगावाट का लक्ष्य-CMD

एप्पल न्यूज़, शिमला

SJVN ने वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में अब तक का सर्वाधिक 2168.67 करोड़ का लाभ अर्जित किया है। कोविड जैसी वैश्विक संकट के बावजूद एसजेवीएन का इस वर्ष शुद्ध लाभ बीते वर्ष के मुकाबले 133.04 करोड़ अधिक है। यह जानकारी शिमला में एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने दी।

नंद लाल शर्मा ने बताया कि जहां वर्ष 2020-21 में प्रभावित हुआ है। जिस वजह से वैश्विक मानवीय और आर्थिक संकट को उत्‍पन्‍न हुआ है। वन्ही इस दौरान एसजेवीएन के प्रबंधन और कर्मचारियों ने पांच विद्युत् स्टेशनों से 9224 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करके उत्कृष्ट प्रचालन निष्‍पादन हासिल करने का अवसर प्राप्‍त किया। इन विद्युत स्टेशनों की डिजाइन एनर्जी 8700 मिलियन यूनिट है।

एसजेवीएन ने 2020-21 में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की पहल के तहत 52.87 करोड़ रुपए खर्च किए तथा पीएसयू अवार्ड श्रेणी में दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल ने एसजेवीएन को ‘वर्ष 2020 का सबसे सर्वाधिक कुशल और लाभ अर्ज कर मिनी रत्न’ घोषित किया। एसजेवीएन के प्रबंध।निदेशक नंद लाल वर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2168.67 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ (पीएटी) प्राप्‍त किया है।

कंपनी का शुद्ध लाभ वर्ष 2019-20 में 1557.43 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1633.04 करोड़ रुपए रहा तथा प्रति शेयर आय (ईपीएस) वर्ष 2019-20 में 3.96 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर 2020-21 में 4.16 रुपए प्रति शेयर हो गया। एसजेवीएन ने वर्ष 2020-21 के लिए 2.20 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की है, जिसमें से फरवरी 2021 में 1.80 रुपए के अंतरिम लाभांश भुगतान किया जा चुका है।

गत वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 15.86% की वृद्धि दर्ज करते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में एसजेवीएन का कर पूर्व लाभ 445.07 करोड़ रुपए रहा। स्‍टैंडअलोन शुद्ध लाभ वर्ष 2020-21 की जून तिमाही में 301.08 करोड़ रुपये से 12.77% बढ़कर 339.54 करोड़ रुपये हो गया।

जून 2020 में 12332.85 करोड़ रुपए की तुलना में जून 2021 के अंत में एसजेवीएन की कुल परिसंपत्ति बढ़कर 13100.97 करोड़ रुपए रही। शर्मा ने कंपनी की भविष्य की संभावनाओं के बारे में कहा कि एसजेवीएन के परियोजना पोर्टफोलियो का विस्तार जारी है और 11,000 मेगावाट को पार कर गया है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में तथा 2021-22 की पहली तिमाही में कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में 2525 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की नई परियोजनाओं को शामिल कर लिया है।
एसजेवीएन को नेपाल सरकार द्वारा नेपाल के भोजपुर जिले में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चिनाब बेसिन पर 104 मेगावाट की तांदी जलविद्युत परियोजना, 130 मेगावाट की राशिल जलविद्युत परियोजना और 267 मेगावाट की साचखास जलविद्युत परियोजना आबंटित की है।


एसजेवीएन ने 24 सितंबर,2021 को इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) द्वारा जारी की गई आर एफ पी के आधार पर 1000 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी सौर परियोजना प्राप्‍त की।

हमारे प्रयासों में परियोजना वित्तपोषण के लिए कम लागत वाले फंड की व्यवस्था करने के लिए बांड्स के माध्यम से प्रति वर्ष 6.1% की दर से 1000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई गयी है तथा ईसीबी के माध्यम से 1.78% प्रति वर्ष की दर से 500 मिलियन अमरीकी डालर जुटाना योजनाबद्ध है। कंपनी भारत, नेपाल तथा भूटान में जलविद्युत, ताप, सौर तथा पवन क्षेत्रों में परियोजनाओं को निष्‍पादित कर रही है।

उन्होंने बताया कि कंपनी ने अपना आगामी लक्ष्य निर्धारित किया है जिसके अनुसार एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट प्राप्‍त करने का एक साझा विजन रखा है।

निगम अगले 9 सालों में 75 हजार करोड़ का निवेश करेंगे जिसमें 23 हजार करोड़ का निवेश हिमाचल में होगा। जिसमें युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा।

निगम जबरदस्ती नहीं बनाएगा कोई परियोजना

निगम जबरदस्ती कोई परियोजना नहीं बनाएगा जब तक कि स्थानीय लोगों स्टेकहोल्डर्स की सहमति न हो। ये लहना गलत है कि प्रोजेक्ट निर्माण की वजह से लैंडस्लाइड हो रहे हैं, ऐसी जगह भी लैंडस्लाइड हो रहे हैं जहां प्रोजेक्ट कार्य नहीं चल रहा है। विकास कर लिए कई लोग सड़कों तक को बनाने नहीं देते। कई लोग चाहते हैं कि विकास केवल उन तक पहुंचे अन्य लपगों तक नहीं और विकास के बाधक बनते हैं।

रामपुर परियोजना के नामकरण पर बोले

रामपुर परियोजना का नाम शहीद भगत सिंह या स्व वीरभद्र सिंह के नाम पर रखने के प्रश्न पर कहा कि ये निर्णय केंद्र सरकार या शेयरहोल्डर्स कर सकते हैं। निगम अकेले नहीं कर सकता। गौर हो कि जनता इस परियोजना का नाम स्व वीरभद्र सिंह के नाम पर रखना चाहती है क्योंकि निगम को आगे बढाने में वीरभद्र सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

Share from A4appleNews:

Next Post

कांग्रेस को अपने प्रदेशाध्यक्ष पर ही विश्वास नहीं, राठौर पहले खुद श्वेत पत्र दें, फिर हमसे मांगें-त्रिलोक जम्वाल

Fri Oct 1 , 2021
• राठौर के नेतृत्व में कमजोर हुई कांग्रेस को दूसरी बार नहीं मिल रहे उम्मीदवार• राठौर बताएं कि कोरोना काल में कांग्रेस में किसने बनवाए फर्जी बिल• सरकार से श्वेत पत्र मांगने से पहले कांग्रेस की भ्रष्टाचारी परंपरा को देखें• जयराम सरकार ने तो कोविड संकट में भी रुकने नहीं […]

You May Like

Breaking News