एप्पल न्यूज़,शिमला
हिमाचल प्रदेश क्रिएटिव राइटर्स फोरम द्वारा रोटरी टाउन हॉल में प्रख्यात लेखक एस आर हरनोट के साहित्यिक योगदान पर केंद्रित सेतु साहित्यिक पत्रिका के विशेषांक का लोकार्पण मुख्य अतिथि आचार्य सिकंदर कुमार, कुलपति, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कर कमलों से संपन्न हुआ।
मंच पर उनके साथ सेतु पत्रिका के संपादक और एचपी क्रिएटिव राइटर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ.देवेंद्र गुप्ता, प्रोफेसर मीनाक्षी एफ पॉल, डॉक्टर कर्म सिंह, सचिव हिमाचल अकादमी और जानेमाने साहित्यकार हरनोट विराजमान थे। डॉ.गुप्ता ने कहा कि यह विशेषांक हरनोट के रचनाकार विशेष और कृतित्व को समक्ष रखते हुए विवेचित और विश्लेषित किया गया है।
हरनोट के लेखन की शुरुआत अस्सी के दशक में हुई थी और उनका पहला कहानी संग्रह वर्ष 1987 में आया और उसके बाद उनके लेखन की निरंतरता आज तक बनी हुई है। आज उनके खाते में बीस के करीब पुस्तकें हैं और उनका नया उपन्यास जल्दी ही प्रकाशित हो रहा है। वे लेखक के साथ साथ एक सामाजिक एक्टिविस्ट भी है।
मुख्य अतिथि आचार्य सिकंदर कुमार ने इस विशेषांक के लिए बधाई देते हुए उनके साहित्य योगदान और निरंतर लेखन के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की।
मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचल विश्वविद्यालय की जानीमानी लेखिका और अनुवादक प्रो. मीनाक्षी एफ पॉल, युवा कवि आलोचक डॉ.सत्यनारायण स्नेही, युवा कवि आलोचक डॉ.प्रशांत रमन रवि ने विस्तार से हरनोट के साहित्य और सेतु पत्रिका के साहित्यिक अवदान पर विस्तार से अपनी बात रखी।
अन्य वक्ताओं में कविकुंभ की संपादिका व गजलकार रंजिता सिंह फलक और जगदीश बाली ने भी संक्षिप्त रूप में अपनी बात रखी। हरनोट के गांव व पंचायत चनावग से पधारे दूरदर्शन व आकाशवाणी शिमला के एंकर, लोक कलाकार जगदीश गौतम ने हरनोट के ग्रामीण सरोकारों पर अपना वक्तव्य दिया।
इस आयोजन में हरनोट पर पहली एम फिल करने वाली शोध छात्रा और वर्तमान में हिंदी की सहायक प्रोफेसर डॉ.सुनीता धीमान और हरनोट पर पीएचडी कर रही रीना कुमारी ने भी अपने अनुभव साझा किए और उनके साहित्य पर चर्चा की।
दूर दराज के गांव धामी से पहुंचे अस्सी वर्षीय सहित प्रेमी व संस्कृत के विद्वान जगत प्रसाद शास्त्र ने भी हरनोट के रचनाकर्म पर बात रखी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात आलोचक डॉक्टर हेमराज कौशिक ने की। हरनोट की चर्चित कहानी मां पढ़ती है का पाठ डॉक्टर प्रियंका वैद्य ने अपने सुंदर अंदाज में पढ़ा।
सेतु का यह अंक नौ खंडों में विभाजित किया गया है जिनमें हरनोट की पांच चर्चित कहानियां, उन पर देश के कई बड़े आलोचकों के आलेख और टिप्पणियां, हिडिंब उपन्यास पर आलेख, हरनोट प्रियजनों की नजर में, पत्र और उनका संक्षिप्त परिचय शामिल है। अंक का विशेष आकर्षण अंत के तीन रंगीन पृष्ठों का कोलाज है जिनमें उनके देश के कई प्रख्यात लेखकों और उनके परिजनों के छायाचित्र संकलित प्रकाशित हैं।
खचा खच भरे रोटरी क्लब के सभागार में शिमला और आसपास के युवा और वरिष्ठ लेखक तथा विद्यार्थियों सहित उनके गांव के लोग व परिजन उपस्थित रहे। यह पहलीबार है जब हिमाचल के किसी लेखक पर किसी साहित्यिक पत्रिका का एकमात्र विशेषांक निकला है।