एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग ने निजी बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन न दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग ने सभी डीसी को निर्देश दिए हैं कि वह जब भी बैंकों की बैठक में जाएं तो उन्हें निर्देश दें कि निजी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा मुहैया करवाएं। जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके। अनुसूचित जाति के लोग गरीब तबके के हैं और अपने बच्चों को प्लस टू के बाद नहीं पढ़ा सकते ऐसे में जब वह बैंक पर वह लोन ले जाते हैं तो उन्हें साफ इंकार कर दिया जाता है।
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने गुरुवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ एक सरकारी बैंक ही अनुसूचित जाति के छात्रों को एडुकेशन लोन देते हैं। जबकि यह आंकड़ा बहुत कम है। राष्ट्रीय कृत बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन नहीं देते हैं। वीरेंद्र कश्यप ने सभी डीसी को निर्देश दिए है कि वह सुनिश्चित करें कि सभी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन दें।
वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि अनेक मामले में आउटसोर्स के तहत भर्तियों में अनुसूचित जाति को रिजर्वेशन दे। वर्तमान में मल्टी टास्क भर्ती में 1 नम्बर ही अनुसूचित जाति को दिया जा रहा है। जबकि 25 फीसदी की आबादी में यह बहुत कम है। सभी ऑउट सोर्स भर्ती में अनुसूचित जाति को संविधान के तहत आरक्षण मिलना चाहिए।
वर्तमान में कई गांव में अभी भी अनुसूचित जाति के साथ छुआछूत जैसा भेदभाव किया जा रहा है। जहां शिक्षा और विकास की कमी है वहां पर यह घटना देखने को मिल रही है। अनुसूचित जाति वर्ग के साथ पुलिस भी भेदभाव करती है।
उन्होंने सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि जब भी कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति थाने आता है तो उसके आने का समय और एफआईआर दर्ज होने का समय रजिस्टर में नोट किया जाए। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि अनुसूचित जाति का व्यक्ति जो थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाता है तो उसकी शिकायत नहीं दर्ज की जाती है। उन्होंने एसपी को निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति को सहयोग करें जिससे उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना हो।