न्यायालय के द्वारा पारित आदेशों के बाद अब हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ में नहीं होगा कोई गुट : चौहान
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान एवं महासचिव तिलक नायक ने एक बयान में कहा है कि माननीय न्यायालय ने 30 नवंबर 2024 को एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ही है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम, लोगों, पंजीकरण संख्या और इंसिग्नया का प्रयोग करने का अधिकार केवल मात्र वीरेंदर चौहान को ही है
बता दें कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से कुछ स्वयंभू नेता अपने आप को प्रदेश अध्यक्ष कहलाकर अखबारों के माध्यम से खबरें लगाया करते थे और शिक्षकों के बीच भ्रांति फैलाने का काम किया करते थे।
इससे शिक्षक समाज की एकता को आघात पहुंच रहा था एक ग्रुप कैलाश ठाकुर के नाम से और एक नरेश महाजन के नाम से अखबारों में खबरें लगा कर शिक्षकों को गुमराह किया करते थे।
1 दिसंबर 2024 को इन्होंने चोरी छुपे खंडो एवं जिलों के चुनाव कराये बगैर ही सीधे प्रदेश स्तर के चुनाव कराने की अधिसूचना एक ऐसे व्यक्ति के द्वारा कराई जिसका संघठन ओर संघ के सविंधान से कोई लेना देना नहीं है।
ये कुछ संघ से पूर्व मे निष्कासित लोग चोरी छुपे गलत तरीके से नालागढ़ मे इस लिए चुनाव कराना चाहते थे ताकि ये हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ को कमजोर कर सके
जिस पर माननीय न्यायालय के सिविल जज एकांश कपिल जी कोर्ट न. 4 शिमला ने संज्ञान लेते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है जिसमें स्पष्ट रूप से कहां गया है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य स्तरीय चुनाव पूरी चुनाव प्रक्रिया का पालन करते हुए 15 अक्टूबर 2023 को हमीरपुर में संपन्न हो चुके हैं।
इसमें वीरेंद्र चौहान को अध्यक्ष और तिलक नायक को महासचिव, सुनील शर्मा को वित्त सचिव और अन्य पदाधिकारी के चयन के साथ नई कार्यकारिणी बनाई गई है जिसका कार्यकाल 2023 से 2026 तक रहेगा
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पूरी चुनाव प्रक्रिया की विस्तृत रिपोर्ट बनाई है जो की शिक्षा विभाग और सरकार को प्रेषित भी की जा चुकी है हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ हिमाचल सरकार और शिक्षा विभाग के द्वारा एक मान्यता प्राप्त संघ है।
इसका प्रतिनिधित्व वीरेंद्र चौहान के द्वारा किया जा रहा है इसलिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से इसी पंजीकरण संख्या, लोगो और इंसिंगनियाँ पर किसी और के चुनाव नहीं कराये जा सकते हैं।
जो व्यक्ति हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से 1 दिसंबर को चुनाव करना चाहते हैं उन्हें 1 दिसम्बर या उसके बाद इस तरह के चुनाव कराने से प्रतिबंधित किया जाता है।
ये भविष्य मे न तो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से चुनाव कर पाएंगे और ना ही संघ का नाम,लोगों,इंसिंगनियाँ ओर पंजीकरण संख्या का प्रयोग कर सकते हैं जब तक माननीय न्यायालय द्वारा अनुमति नहीं दी जाएगी
चौहान ने कहा कि कुछ शरारती तत्व जो पिछली सरकार में सरकार की कठपुतली बनकर संगठन को तोड़ने में और शिक्षकों को गुमराह करने में लगे थे आज उनकी सच्चाई पूरे शिक्षक समाज के समक्ष आ गई है और मान्य न्यायालय ने यह साबित कर दिया है कि वास्तव में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ वारिस कौन है
चौहान ने कहा कि सच्चाई को परेशान किया जा सकता है पर पराजित नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि मुझे ना जाने कितना परेशान किया गया और मेरे खिलाफ भयानक दुश्प्रचार भी किया गया लेकिन हम संगठन के काम में निरंतर आगे बढ़ते रहे आज सच्चाई आप सबके सामने हैं जो ज्यादा उछलते थे उनका अस्तित्व आज खत्म हो चुका है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का अस्तित्व आज भी चरम पर है कुछ समाचार पत्रों में आए दिन यह खबर मिलती थी कि हिमाचल राजकीय माध्यमिक संघ के फलाने घुट ने यह आरोप लगा दिया।
हमें खुशी है कि अब भविष्य में संघ के नाम पर कोई गुट नहीं सुनने को मिलेगा मैं आप को बताना चाहता हूं कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ एक था एक है और भविष्य में भी एक ही रहेगा
मैं आपको यह भी विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम सभी और मजबूती के साथ छात्र हित शिक्षक हित और सामाज हित में काम करेंगे l
वीरेंद्र चौहान
प्रदेश अध्यक्ष
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ