एप्पल न्यूज़, शिमला
शिमला से प्रकाशित हिंदी की अर्द्ध वार्षिक राष्ट्रीय पत्रिका “सेतु” ने अपनी साहित्यिक यात्रा के डेढ़ दशक पूर्ण कर लिया। इस अवसर पर सेतु का 24 वां अंक भी छप कर आया है।
हिमाचल प्रदेश क्रिएटिव राइटर्स फोरम के सौजन्य से प्रकाशित पत्रिका का संपादन डाॅ देवेन्द्र गुप्ता पिछले 16 वर्षों से कर रहे है।
उन्होंने बताया कि देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों के साथ साथ नयी पीढ़ी लेखक अनुवाद और आलोचक संपादन के दौरान मिले जिन्होंने अपनी प्रतिभा और क्षमता से सेतु की न केवल स्तरीयता बनाए रखने में सहयोग दिया वर्णन राष्ट्रीय स्तर पर भी इस की पहचान बनायी। सेतु पाठकों की एक आवश्यक पत्रिका बनी रहे इसके लिए अनवरत प्रयास जारी रहेगे।
सेतु पत्रिक के 24वे अंक के लिए इस दफा प्रख्यात उपन्यासकार प्रोफेसर अब्दुल बिस्मिल्लाह की डाॅ देवेन्द्र गुप्ता सम्पादक सेतु के साथ बातचीत मुख्य आकर्षण रहेगी।
विनोद शाही, गीताश्री, हंसराज भारती, गंगाराम राजी, मुरारी शर्मा, त्रिलोक मेहरा, आदि की कहानियां पाठकों को लुभाने आई है और कविताओं में नील उत्पल, रेखा विशिष्ट, भरत प्रसाद, दीपक भारद्वाज आदि ताजातरीन कविताओं के साथ प्रस्तुत है।
हिन्दी के प्रखर आलोचक डाॅ सूरज पालीवाल ने आलोचना की विधा को स्पष्ट ग्राह्य बनाने में अन्यतम योगदान दिया है। उनके आलेख के अतरिक्त डाॅ नामवर सिंह का वाचिक आलेख “भारतीय अस्मिता की खोज और जवाहरलाल नेहरू” आज के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में अत्यंत समीचीन जान पढ़ता है।
मोहन कृष्ण वोहरा ने रेखाचित्र कला पर विशेष आलेख और उदीयमान समीक्षक नीलाभ कुमार ने आलोचक सूरज पालीवाल की आलोचना पुस्तक को परखा है। अनुवाद भाषांतर में ओडिशा की कहानी का हिन्दी अनुवाद प्रख्यात अनुवादक सुरभि बेहरे भेजा है।
उषा बन्दे की कहानी का भाषांतर सम्पादक देवेन्द्र गुप्ता ने किया है। इस अंक में ग़ज़लें और पुस्तक समीक्षा आदि नियमित स्तंभ हैं।
सम्पादक डाॅ देवेन्द्र गुप्ता ने उम्मीद जताई की हिन्दी के पाठकों, छात्रों, अध्यापकों और साहित्य अनुरागी के लिए यह अंक कुछ सार्थक और यादगार होगा।