एप्पल न्यूज़, शिमला
जब कभी आकर्षक लिखावट, कैलीग्राफी या सुलेखन की बात चले तो शिक्षक वीरेन्द्र कुमार का नाम अवश्य याद आता है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धरोगड़ा में कार्यरत्त यह शिक्षक अपनी इस कला के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं।
बच्चों की खराब और न पढ़ी जाने वाली लिखावट देखकर वीरेन्द्र ने वर्ष 2018 में हस्तलेखन सुधारने का बीड़ा उठाया जिसमे बड़ी कामयाबी हासिल हुई। आज देश के लगभग एक लाख स्कूली बच्चे व शिक्षक अपनी लिखावट को बेहतर बनाने में सफल हुए हैं।
आजकल वीरेन्द्र कुमार राजकोट (गुजरात) की एक गवर्नमेंट एडिड पाठशाला के 500 विद्यार्थियों और 40 शिक्षकों को आकर्षक लिखावट के गुर सिखाकर प्रदेश लौटे हैं। सेंट मेरिज स्कूल के शिक्षक उमेश भरतभाई वाला के प्रयासों से ये कक्षाएं आयोजित कर पाना संभव हुआ है।
विभागीय अनुमति के बाद वीरेन्द्र कुमार ने उक्त पाठशाला की तीन कक्षाओं 6,7 और 8 के 500 छात्र-छात्राओं को पांच दिनों तक कैलीग्राफी कक्षाएँ प्रदान की। मात्र 5 दिनों में बच्चों की लिखावट में आए बड़े परिवर्तन को देखकर पाठशाला के प्रिंसिपल फ़ादर बिनोय ने इसे एक जादू कहा।
पाठशाला की ओर से आभार स्वरूप वीरेन्द्र कुमार को एक प्रशंसा पत्र व स्मृति चिह्न भेंट किया गया। राजकोट की पाठशाला प्रबंधन समिति ने हिमाचल प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भी आभारपत्र प्रदान किया है।
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व का विषय है जब प्रदेश सहित देश के अन्य विद्यर्थी भी शिक्षक की इस कला से लाभान्वित हो रहे हैं। निजी स्तर पर किए जा रहे सुन्दर हस्तलेखन के प्रचार प्रसार को देखते हुए प्राम्भिक शिक्षा निदेशक ने वीरेन्द्र कुमार को ‘ब्रैंड अम्बेसडर ऑफ हिमाचल प्रदेश’ कह कर सम्बोधित किया।
उनके अनुसार वीरेन्द्र अपने मिशन में एक सफल शिक्षक हैं जिसने देश के लगभग एक लाख स्कूली बच्चों, शिक्षकों और कुछ अभिभावकों की लिखावट को बहुत बेहतर बनाया है।
राजकोट की एक पाठशाला से प्राप्त निवेदन पर शिक्षक को वहां जाने की अनुमति प्रदान की गई थी जिसके बहुत बेहतरीन परिणाम सामने आए हैं। सेंट मेरिज स्कूल राजकोट की ओर से निदेशक को एक आभार पत्र भी प्राप्त हुआ है जिसमें वीरेन्द्र द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई है।
वीरेन्द्र पाठशाला समय के बाद प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों की लिखावट बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत्त हैं। यह कक्षाएं सभी आयु स्तर के बच्चों व शिक्षकों के लिए निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।