एप्पल न्यूज़, शिमला
ऐतिहासिक गेयटी थिएटर शिमला में GDS रेपेट्री की दूसरी प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। ऑथेलो -“दि थ्री शेडस” नाटक की परिकल्पना व निर्देशन अजय शर्मा द्वारा किया गया है यह नाटक विश्व के सुप्रसिद्ध नाटककार व लेखक शेक्सपियर की अतुलनिय कृति ऑथेलाे नाटक पर आधारित है।
नाटक काे पढ़ने के बाद हमें इसमें तीन मुख्य भाव स्थाई प्रतित हुए प्रेम, बदला और दुख यानि ( Love, Revenge &Tragedy ) इसे ट्रेजडी ऑफ ऑथेलो व वेनिस का मूर के नाम से भी किया जा चूका है।
विश्व भर में, नाटकाराें ने इस नाटक काे असंख्य बार व कई तरीक़ाें से प्रस्तुत किया है परन्तु शिमला जैसे छोटे शहर के नाट्य इतिहास में पहली बार शेक्सपियर का कोई नाटक खेला गया है। शेक्सपियर :विश्व-साहित्य के गौरव, अंग्रेज़ी भाषा के अद्वितीय नाटककार है।
इसीलिए हमनें इस नाटक काे करने के लिए एक अलग नज़रिये रखा और तीन भावों काे प्रथमिकता दी जिससे इसको नया नाम भी मिला थ्री शेडस ऑथेलो एक दुःखान्त नाटक है। शेक्सपियर ने इसे सन् 1601 से 1608 के बीच लिखा था।
विश्व-साहित्य में ऑथेलाे एक महान रचना है क्याेंकि इसके प्रत्येक पृष्ट में मानव-जीवन की उन गहराइयों का वर्णन मिलता है, जो सदैव स्मृति पर खिंचकर रह जाती है।
ऑथेलाे में खलनायक इयागाे का चित्रण इतना सबल है कि देखते ही बनता है जाे अपने मन का करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और नाटक में जाे भी उसके क़रीब है वह बस उसे मुर्ख ही बनाता है अपने मक़्सद को पूरा करने के लिए।
दूसरी ओर डेसडिमाेना ताे ऑथेलाे के प्रेम में अन्धी है पर असलियत में अन्धा ऑथेलो है जाे आँखे हाेते हुए भी देख नहीं पाता कि काैन उसका हितैषी है या काैन चालबाज़।
नाटक के अंत में ऑथेलाे के साथ जाे दुखांत घटना घटती है उसके बाद वाे टूट जाता है अपने आपकाे ख़त्म कर देता है।
पात्र परिचय
ओमकमारी-प्रधान सेना नायक (कोल कबिला का युवक। -कपिल देव।
इन्द्र-गुज्जरा कबिले का सेनानायक।-सुमित कुमार।
केशव-जांगलिक कबिले का सेनानायक।-निरज पराशर।
रंगा-घुमन्तु सौगदाई -एक व्यपारी।-अनिल।
भेराें सिंह-बडारी।-अशोक महेता
पुन्या -बडारी की बेटी।(पुनम की रात को पैदा हुई लड़की।)-तनुपिया।
चंद्रा-इन्द्र की पत्नि।-श्रुति रहाेटा ।
रेशमा-बंजारन।-नलिनि/ ।
सरदार -शंगडकूंरा का सरदार।-गृहता-नरेश कुमार मिंचा।
मंगूरा-अर्यन आज़ाद।
सेवक 1/सभापति-आषिश कुमार
सेवक 1 /सभापति – राकेश कुमार
सेवक 1/ खबर देने वाला सेवक-अशवनी कुमार
सेवक 1 -अनिल कुमार
वस्त्रसज्जा- श्रुति रहाेटा, तनुपिया, अदित्ति
प्रकाश परिकल्पना -रूपेश भिम्टा, अशेक कुमार।
मंच सज्जा-
प्रचार-प्रसार-प्रबंघन गेयटी ड्रामेटिक सोसाईटी।
प्रचार समग्री परिकल्पना-नरेश कुमार मिंचा।
मुखसज्जा-दिपक कुमार।
ओथेलो नाटक की परिकल्पना व निदेशन अजय शर्मा